विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कोरोना मरीजों को न दें 'आइवरमेक्टिन' टैबलेट, जानें क्या है नुकसान

कोरोना से बचाव के लिए युवाओं को 'आइवरमेक्टिन' टैबलेट दी जा रही हैं। जिसको लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामिनाथन ने चेतावनी दी है। लेकिन वहीं दूसरी तरफ गोवा सरकार भी लोगों को यह दवा दे रही है। गोवा के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने सोमवार को इसकी घोषणा की थी।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, डब्ल्यूएचओ की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामिनाथन ने ट्वीट कर चेतावनी दी है कि इस दवा का इस्तेमाल न करें। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि नए संकेत के लिए किसी भी दवा का उपयोग करते समय सुरक्षा और प्रभावकारिता महत्वपूर्ण है। इस दवा का इस्तेमाल सिर्फ क्लीनिकल ट्रायल में होगा।
Safety and efficacy are important when using any drug for a new indication. @WHO recommends against the use of ivermectin for #COVID19 except within clinical trials https://t.co/dSbDiW5tCW
— Soumya Swaminathan (@doctorsoumya) May 10, 2021
उन्होंने जर्मन दवा कंपनी मर्क की एक खबर पर ट्वीट कर लिखा कि इसकी रिपोर्ट सोशल मीडिया पर करें और शिकायत करें। वहीं मर्क कंपनी का कहना है कि उसे प्री-क्लीनिकल शोध में अब तक कोविड-19 के खिलाफ इस दवा के एक संभावित चिकित्सीय प्रभाव का पता नहीं चला है। भारत में आइवरमेक्टिन टैबलेट की दवा कोरोना मरीजों को दी जा रही है। हालाँकि, इस पर अभी तक कोई बड़ा शोध नहीं हुआ।
क्या है आइवरमेक्टिन ?
एक रिपोर्ट के मुताबिक, आइवरमेक्टिन एक एंटी पैरासिटिक दवा है, जो पेट में इंफेक्शन के लिए दी जाती है। पेट के इंफेक्शन जैसे कि राउंडवॉर्म इंफेक्शन के इलाज में इस्तेमाल किया जाता है। कह सकते हैं कि पेट के कीड़ों को मारने के लिए ये दवा दी जाती है। इसके अलावा आंतों के स्ट्रॉग्लोडायसिस और ऑन्कोकेरिएसिस के मरीजों को भी यही दवा दी जाती है।
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