World Hepatitis Day 2023: कब-क्यों मनाया जाता है हेपेटाइटिस डे, जानें इसके लक्षण और बचाव

World Hepatitis Day 2023: कब-क्यों मनाया जाता है हेपेटाइटिस डे, जानें इसके लक्षण और बचाव
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Haribhoomi Explainer: हर साल 28 जुलाई को विश्व हेपेटाइटिस दिवस (World Hepatitis Day 2022) मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का ध्येय लोगों में हेपेटाइटिस नामक बीमारी के बारे में जागरूक करना है, क्योंकि दुनिया भर में लाखों लोग हर साल हेपेटाइटिस का शिकार बनते हैं। आइए आज के हरिभूमि एक्सप्लेनर के माध्यम से हम आपको बताते हैं कि हेपेटाइटिस बीमारी क्या है, साथ ही बताएंगे कि कैसे इस बीमारी से बचा जा सकता है।

Haribhoomi Explainer: हेपेटाइटिस (Hepatitis) लिवर (Liver) की एक गंभीर बीमारी है, जो कई तरह के वायरस, बैक्टीरिया या परजीवी के कारण होती है। दुनिया भर में कैंसर बीमारी से होने वाली मौतों के कारण में लिवर कैंसर (Liver Cancer) से सबसे ज्यादा है, जबकि हेपेटाइटिस को रोकने और उसका इलाज करने के कई तरीके हैं, वर्तमान में इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है। दुनिया भर में इसलिए हर साल 28 जुलाई यानी आज विश्व हेपेटाइटिस दिवस (World Hepatitis Day 2023) के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को मनाने के पीछे का कारण है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस बीमारी प्रति जागरूक किया जा सके। आइए आज के हरिभूमि एक्सप्लेनर के माध्यम से हम आपको बताते हैं कि हेपेटाइटिस बीमारी क्या है, साथ ही बताएंगे कि कैसे इस बीमारी से बचा जा सकता है।

क्या है हेपेटाइटिस

डॉक्टरों के अनुसार, कुछ लापरवाही के चलते हम हेपेटाइटिस जैसी गंभीर बीमारी की चपेट में आ जाते हैं और हेपेटाइटिस के कारण लीवर में संक्रमण हो जाता है। हेपेटाइटिस के दौरान लिवर में सूजन आ जाती है। इसका असर लिवर पर पड़ने से जान का भी खतरा बना रहता है। लिवर हमारे शरीर का बहुत जरूरी अंग होता है, जो खून में से टॉक्सिन्स को साफ करने के साथ ही भोजन पचाने की प्रक्रिया में मदद करता है। यदि प्रारंभिक चरण में इलाज नहीं किया गया, तो यह खतरनाक हो जाता है। इसलिए इस बीमारी के लक्षण आते ही जितनी जल्दी से जल्दी हो सके, हमें चिकित्सक से सम्पर्क करना चाहिए।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, 350 मिलियन से अधिक लोग वायरल हेपेटाइटिस के जूझ रहे हैं और हर 30 सेकंड में, लिवर फेल्योर, सिरोसिस और कैंसर सहित हेपेटाइटिस से संबंधित बीमारी से कम से कम एक व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है। इसलिए हर साल लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से 28 जुलाई को विश्व हेपेटाइटिस दिवस मनाया जाता है, जिससे लोग इस बीमारी के प्रति जागरूक हो सकें।

हेपेटाइटिस के प्रकार

हेपेटाइटिस बीमारी पांच प्रकार की होती है, हेपेटाइटिस- ए,बी,सी,डी और ई। हेपेटाइटिस बी सबसे खतरनाक बीमारी मानी जाती है। केवल हेपेटाइटिस-बी और सी के कारण हर साल लाखों लोग अपनी जान से हाथ धो बैठते हैं।

हेपेटाइटिस को कैसे पहचाने

हेपेटाइटिस को पहचानने के लिए इनके लक्षणों पर ध्यान देना बहुत आवश्यक है यदि आपके शरीर में हमेशा थकान सा महसूस होता हो, भूख कम लग रही हो, उल्टी या जी मिचलाना, आंखों के सफेद हिस्से का रंग पीला पड़ जाना, यूरिन का रंग बदलना, पेट दर्द और सूजन होना जैसे लक्षण हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। ये सभी लक्षण हेपेटाइटिस बीमारी के ही हैं।‌

किन कारणों से होता है हेपेटाइटिस

हेपेटाइटिस वायरल इन्फेक्शन के कारण फैलता है, जो कई कारणों से हो सकती है। डॉक्टरों का मानना है कि हेपेटाइटिस ए और हेपेटाइटिस ई संक्रमित खाने और पानी पीने से हो सकता है। वहीं, संक्रमित खून के ट्रांसफ्यूजन और सिमेन व दूसरे फ्लूइड के एक्सपोजर के कारण हेपेटाइटिस बी और सी संक्रमित इंजेक्शन के इस्तेमाल के कारण भी हो सकता है।

कैसे करें हेपेटाइटिस से बचाव

इस बीमारी से बचने के लिए लीवर का स्वस्थ होना बहुत ही आवश्यक है। इसके लिए अपने खाद्य पदार्थों में तैलीय वस्तुओं से दूरी बनाए रखनी चाहिए। तंबाकू और धूम्रपान जैसे नशीले पदार्थों से दूर रहना चाहिए। साथ में पौष्टिक आहार का सेवन करना चाहिए, डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ के सेवन से परहेज करना चाहिए, अत्यधिक दवाइयों का सेवन भी आपके लीवर को नुकसान पहुंचा सकता है।

डॉक्टरों के अनुसार, मानसून के दौरान हेपेटाइटिस का खतरा अधिक बढ़ जाता है, क्योंकि इस समय दूषित जल स्त्रोतों के अलावा अस्वच्छ भोजन प्राप्त होने से हेपेटाइटिस का वायरस आपको ग्रसित कर सकता है। इसके अलावा बारिश के दौरान पीने के पानी में सीवर का पानी मिलने का खतरा रहता है, दूषित पानी पीने के कारण इस वायरस की चपेट में आ सकते हैं। इस संक्रामक बीमारी से बचने के लिए स्वच्छता पर ध्यान देना, सुरक्षा के लिए टीकाकरण और जागरूकता के माध्यम से लगाम लगाया जा सकता है।

यदि आप इंजेक्शन ले रहे हैं, तो हमेशा स्टेराइल इंजेक्शन का इस्तेमाल करें, सावधानी बरतें और यह ध्यान दें कि यदि दो जनों के बीच सिरिंज का पुनः उपयोग किया जाता है या किसी प्रकार की कोई आकस्मिक सुई चुभ जाती है तो हेपेटाइटिस का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए सीरिंज का दोबारा इस्तेमाल न करें। यदि कभी खून चढ़ाने की जरूरत पड़ेगी, तो हेपेटाइटिस टेस्टेड खून ही चढ़ाएं।

अन्य प्रकार की सावधानी

इसके अलावा ब्लेड या रेजर किसी के साथ शेयर न करें, हेपेटाइटिस का टीकाकरण करवाएं हालांकि सभी प्रकारों के हेपेटाइटिस के लिए टीका उपलब्ध नहीं लेकिन सबसे घातक माने जाने वाले हेपेटाइटिस बी का टीका उपलब्ध है, इसका डोज हर आयु वर्ग के लोग ले सकते हैं। आप यदि सिंपल ब्लड टेस्ट भी करवाते रहें तो आपको यह पता चल सकता है कि आपका शरीर इस वायरस की चपेट में है या नहीं, फिर आप वक्त रहते इसका इलाज करवा सकते हैं। इसलिए सावधानी बरतें और अपने लीवर का ख्याल रखें तभी आप हैपेटाइटिस के खतरे से बच सकते हैं। यदि आपको फिर भी किसी भी प्रकार के लक्षण दिखाई दे रहे हैं, तो डॉक्टर से तुरन्त सम्पर्क करें।

विश्व हेपेटाइटिस दिवस 2023 की थीम

हर साल विश्व हेपेटाइटिस दिवस किसी न किसी थीम के साथ मनाया जाता है। इस साल की थीम वी आर नॉट वेटिंग (We're not waiting) है।

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