World Hindi Day 2023 Poems: भारत ही नहीं अब विश्व की शान है हिंदी.. विश्व हिंदी दिवस पर 3 छोटी कविताएं

World Hindi Day 2023 Poems: विश्व हिंदी दिवस हर साल 10 जनवरी को मनाया जाता है। वैसे तो भारत में दो बार हिंदी दिवस मनाया जाता है। एक वैश्विक स्तर पर और दूसरा भारत में। 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस और 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। इतिहासकारों के मुताबिक, 1975 में नागपुर में पहला विश्व हिंदी सम्मेलन आयोजित किया गया था। जिसमें 30 देशों के 122 प्रतिनिधियों ने भाग लिया था। सम्मेलन का उद्देश्य दुनिया भर में हिंदी भाषा को बढ़ावा देना था। वहीं 14 सितंबर 1949 को भारत की संविधान सभा द्वारा हिंदी को केंद्र सरकार की आधिकारिक भाषा घोषित किया गया था। इस महत्वपूर्ण घटना के अवसर पर भारत में हिंदी भाषा के बढावे और इसके महत्व को उजागर करने के लिए हर साल 14 सितंबर को राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाया जाता है। विश्व हिंदी दिवस के मौके पर हम आपके साथ कुछ 3 छोटी कविताएं साझा कर रहे हैं।
1. हिंदी दिवस पर कविता
वो हमारी हिंदी भाषा है
बड़ी मोहब्बत भरी है जिसमें
जिससे जुड़ी हर आशा है
मिसरी से भी मीठी है जो
वो हमारी हिंदी भाषा है।
यही वो भाषा है जिसको
बरसों से है सम्मान मिला
आज की जो जनजाति है
उसकी है ये आधारशिला,
जो भूल रहे इसके महत्त्व को
होती बहुत निराशा है
मिसरी से भी मीठी है जो
वो हमारी हिंदी भाषा है।
हिंदी में सुनाये लोरी माँ
भजन हिंदी में गाती है
यही तो वो भाषा है जो
पूरे देश को मिलाती है,
फले फूले ये आगे बढ़े
मेरे दिल की यही अभिलाषा है
मिसरी से भी मीठी है जो
वो हमारी हिंदी भाषा है।
प्यार मोहब्बत भरा है जिसमें
जिससे जुड़ी हर आशा है
मिसरी से भी मीठी है जो
वो हमारी हिंदी भाषा है।
2. विश्व हिंदी दिवस पर कविता
हिंदी ही है मेरी पहचान
हर ओर ही मुझको हिंदी दिखती
कलम मेरी बस हिंदी लिखती,
बढ़ा रही यह मेरी शान
हिंदी ही है मेरी पहचान।
बचपन से हिंदी बोलते आए
जीवन का ज्ञान हम इस से पाएं
हिंदी में बसती मेरी जान
हिंदी ही है मेरी पहचान।
अंग्रेजी भी पढ़ता हूँ पर
लगे न उसमें मेरा ध्यान
हिंदी भाषा है सबसे महान
हिंदी ही है मेरी पहचान।
हिंदी से शब्द हैं भाव को मिलते
हिंदी से सबके चेहरे खिलते
हिंदी से है मेरी मुस्कान
हिंदी ही है मेरी पहचान।
3. विश्व हिंदी दिवस पर कविता
हिंदी भाषा प्यारी है
सब को जो जोड़ कर रखती
हिंदी भाषा प्यारी है।
अलग-अलग हैं धर्म यहाँ
हैं अलग-अलग कई भाषाएँ
आपस में बातें करने को
फिर भी सब हिंदी अपनाएं,
बहुत सभ्य यह भाषा है
लगती भी संस्कारी है
सब को जो जोड़ कर रखती
हिंदी भाषा प्यारी है।
रचे गये साहित्य इसी में
रचे गए इतिहास
हिंदी से ही होता है
अपनेपन का आभास,
सरे राष्ट्र की भाषा है ये
संस्कृत की बेटी दुलारी है
सब को जो जोड़ कर रखती
हिंदी भाषा प्यारी है।
सारे भारतवासी मिलकर
हिंदी का गुणगान करें
फर्ज हमारा यही है बनता
हिंदी का सम्मान करें,
हिंदी अपनाएं दिल से
इसी में समझदारी है
सब को जो जोड़ कर रखती
हिंदी भाषा प्यारी है।
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