UP: नेपाल से सटे जिलों में मदरसों की जांच शुरू, विदेशी फंडिंग के आसार, 13 जुलाई तक पड़ताल

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की योगी सरकार (yogi government) ने नेपाल (Nepal) से सटे जिलों में मदरसों की जांच (Investigation of Madrassas) करने के आदेश दे दी है। आज यानी बुधवार से यह जांच शुरू हो गई है। योगी सरकार ने अल्पसंख्यक कल्याण विभाग (Minorities Welfare Department) के शीर्ष अधिकारियों को इस जांच में लगाया है। बताया जा रहा है कि इस जांच में मदरसों की आय का स्रोत का पता लगाया जाएगा। अधिकारी जांच की रिपोर्ट 13 जुलाई तक सौंपेंगे। इस जांच के लिए यूपी सरकार ने 4 अधिकारियों की 2 अलग-अलग टीमें बनाई है। जांच टीम 9 जिलों का दौरा कर अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे।
कुछ मदरसों को विदेशों से फंडिंग
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूपी सरकार ने साल 2022 में भी मदरसों का सर्वे कराया था। इस दौरान करीब साढ़े आठ हजार मदरसे ऐसे मिले थे जो कि गैर मान्यता प्राप्त थे। इस सर्वे में नेपाल से लगी उत्तर प्रदेश की सीमा में बड़ी संख्या में मदरसे पाए गए थे। बता दें कि इन मदरसों की आय का स्रोत जकात था। इसके अलावा कुछ मदरसों को विदेशों से भी फंडिंग की जा रही थी। इसके बाद योगी सरकार ने मदरसों की की आय का स्रोत का पता लगाने के लिए जांच टीम बनाया है।
ये रहेगा जांच का शेड्यूल
जांच टीम 13 जुलाई तक महाराजगंज, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, बहराइच, पीलीभीत, श्रावस्ती व लखीमपुर खीरी के अलावा मऊ व आजमगढ़ जिलों में मदरसों की जांच करेंगे। टीम विभागीय योजनाओं के साथ ही गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की भी जांच करेगी। बता दें कि पहली टीम महराजगंज में जांच कर चुके हैं। वहीं, विशेष सचिव आनंद कुमार सिंह की टीम 14 और 15 जून को बलरामपुर जिले में जांच के लिए जाएगी। ये दोनों अधिकारी 19 और 20 जून को सिद्धार्थनगर, 26-27 जून को मऊ में, 3-4 जुलाई को बहराइच में और 10-11 जुलाई को श्रावस्ती का दौरा करेंगे। इसके अलावा टीम 12 व 13 जुलाई को लखीमपुर खीरी जाएगी।
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