तालिबान बोला- भारत संग चाहते हैं मजबूत रिश्ते, देश छोड़कर गनी ने दिया ये बयान

अफगानिस्तान में तालिबान का शासन हो गया है। तालिबानी लड़ाकों ने बीते रविवार को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल को भी कब्जे में ले लिया है। राष्ट्रपति भवन पर तालिबान का झंडा लहराने के बाद अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने इस्तीफे का ऐलान कर देश को देश छोड़ दिया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उपराष्ट्रपति अमीरुल्लाह सालेह ने भी अपने कुछ करीबियों के साथ देश छोड़ दिया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, अफगानिस्तान में शरिया कानून लागू करने का ऐलान के बीच तालिबान ने भारत के साथ अच्छे रिश्ते की वकालत की है। तालिबानी प्रवक्ता जैबिहुल्ला मुजाहिद का कहना है कि वे भारत देश के साथ मजबूत रिश्ते चाहते हैं। अफगानिस्तान में भारत के राजनयिक एकदम सुरक्षित रहेंगे और किसी को डरने की जरूरत नहीं है।
आज 10 बजे इमरजेंसी बैठक
अफगानिस्तान पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद नार्वे और एसटोनिया के अनुरोध के बाद आज सुबह 10 बजे आपात बैठक करेगा। काउंसिल के डिप्लोमैट्स ने कहा है कि यूएन सेक्रेटरी जनरल परिषद के सदस्यों को अफगानिस्तान के ताजा हालात के बारे में जानकारी देंगे। जानकारी के लिए आपको बता दें कि बीते शुक्रवार को यूएन चीफ ने तालिबान से अपने आक्रामक रवैये को छोड़ने की अपील की थी और बातचीत करने के लिए कहा था ताकि लंबे गृह युद्ध को टाला जा सके।
देश छोड़ने के बाद अशरफ गनी ने दिया यह बयान
जानकारी के लिए आपको बता दें कि अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा होते हैं राष्ट्रपति अशरफ गनी ने पद से इस्तीफा देकर देश छोड़ दिया है। जिसके बाद उनका पहला बयान सामने आया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, देश को खून-खराबे से बचाने के लिए देश को छोड़ा है। अब तालिबान रक्षा करे। उन्होंने लिखा कि खून की बाढ़ को रोकने के लिए उन्हें यही रास्ता सबसे सही लगा। तालिबान ने तलवार और बंदूकों का फैसला जीता है और अब वे देशवासियों के सम्मान, धन और आत्मसम्मान की रक्षा के लिए जिम्मेदार हैं। इतिहास में कभी भी सूखी शक्ति ने किसी को वैधता नहीं दी है और यह उनके लिए नहीं देंगे।
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