अमेरिका की एक अदालत का आदेश, 1.2 अरब डॉलर का जुर्माना भरेगी इसरो की शाखा एंट्रिक्स

यूएस की एक कोर्ट ने इसरो की व्यावसायिक शाखा एंट्रिक्स कॉरपोरेशन को करार तोड़ने के मामले में बेंगलुरु की स्टार्टअप देवास मल्टीमीडिया को 1.2 अरब डॉलर का जुर्माना भरने को कहा है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एंट्रिक्स और देवास के बीच जनवरी साल 2005 में करार (समझौता) हुआ था।इस समझौते के मुताबिक, देवास के लिए 2 सैटेलाइट के निर्माण, उनके प्रक्षेपण और संचालन पर सहमति बनी थी।
लेकिन फरवरी साल 2011 में एंट्रिक्स कॉरपोरेशन ने देवास के साथ सैटेलाइट निर्माण और लांच करने के समझौते को तोड़ दिया था। रिपोर्ट के अनुसार, इनकी मदद से बेंगलुरु की स्टार्टअप कंपनी देवास मल्टीमीडिया को 70 मेगाहर्ट्ज का एस-बैंड स्पेक्ट्रम उपलब्ध कराने की योजना थी। जिनके माध्यम से देवास की योजना पूरे भारत में हाइब्रिड सैटेलाइट व स्थलीय संचार सेवा उपलब्ध करने की थी। लेकिन एंट्रिक्स कॉरपोरेशन ने इस करार को तोड़ दिया था।
साल 2011 में समझौते के टूट जाने के बाद देवास कई वर्षों तक भारत में विभिन्न कानूनी मंचों पर गई। इस मामले को सुप्रीम कोर्ट ने न्यायाधिकरण के पास ले जाने का आदेश दिया। सितंबर साल 2018 में देवास कंपनी इस मामले को अमेरिका की एक कोर्ट में पहुंच गई।
अमेरिका में वॉशिंगटन की एक जिला कोर्ट के जज थॉमस एस जिल्ली ने 27 अक्टूबर के अपने आदेश में कहा था कि अंतरिक्ष देवास को 56.25 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति और इसके ऊपर ब्याज का भुगतान करेगी। क्षतिपूर्ति और ब्याज मिलाकर राशि 1.2 अरब डॉलर हो जाती है। अब देवास मल्टीमीडिया को 1.2 अरब डॉलर का जुर्माना भरना होगा।
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