अमेरिका में अश्वेतों को बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं, इनकी मौत का छठवां प्रमुख कारण पुलिस की हिंसा

अमेरिका में अश्वेतों को बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं, इनकी मौत का छठवां प्रमुख कारण पुलिस की हिंसा
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अमेरिका में नागरिकों के पास बड़ी संख्या में बंदूक और हथियार होते हैं जिस कारण पुलिस का काम मुश्किल हो जाता है। वहीं हर साल तकरीबन 1 हजार लोग पुलिस की गोली लग कर मरते हैं। जिसमें गोरों के मुकाबले 3 गुना ज्यादा अमेरिका अश्वेत अमेरिकी होते हैं।

25 मई को मिनियापोलिस में एक पुलिस अधिककारी के हाथों अश्वेत जार्ज फ्लायड के मरने के बाद से हड़कंप मच गया। वहीं इससे पहले अमेरिका का ऐसा हाल साल 1960 में देखने को मिला था। इसी बीच पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने एक लेख में लिखा कि लोगों ने पुलिस के इस रवैये में सुधार की दस साल से चल रही प्रक्रिया ते विफल होने पर हताशा जताई है।

1 हजार लोग पुलिस की गोली लग कर मरते हैं

आपको बता दें कि अमेरिका में नागरिकों के पास बड़ी संख्या में बंदूक और हथियार होते हैं जिस कारण पुलिस का काम मुश्किल हो जाता है। वहीं हर साल तकरीबन 1 हजार लोग पुलिस की गोली लग कर मरते हैं। जिसमें गोरों के मुकाबले 3 गुना ज्यादा अमेरिका अश्वेत अमेरिकी होते हैं।

युवा अश्वेतों की मौत का छठवां कारण पुलिस हिंसा है

आपको जानकर हैरानी होगी कि युवा अश्वेतों की मौत का छठवां कारण पुलिस हिंसा है। वहीं गोरो कालों में काफी भेदभाव भी देखने को मिलता है। इतना ही नहीं वहां गोरों की तुलना में अश्वेतों को सजा मिलने के ज्यादा चांस होते हैं। एक ही गलती के लिए कालों को गोरो से ज्यादा सजा मिलती है। इसके साथ ही जेल में भी आपको अश्वेत कैदी ज्यादा मिलेंगे।

पुलिस सिस्टम में रंगभेद का सबूत मानते हैं

वहां के कई लोग इस भेदभाव को पुलिस सिस्टम में रंगभेद का सबूत मानते हैं। ब्राउन यूनिवर्सिटी के समाजशास्त्री निकोल गोंजालेज वान क्लीव और अमेरिकी सिविल लिबर्टी यूनियन के वकील सोमिल त्रिवेदी ने अपनी एक स्टडी में बताया कि पुलिस प्रोसीक्यूटरों के लिए मामले तैयार करती है। जिसके बदले में उनका रुख पुलिस के लिए नरम रहता है। ऐसा पहली बार नहीं है जब अमेरिका में गोरो कालों को लेकर इतना हंगामा मचा हुआ है। वहीं अश्वेतों के लिए अच्छी शिक्षा औप हैल्थ फैसिलिटी भी उपलब्ध नहीं है। वहां अश्वेतों के लिए अलग नियम हैं।

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साल 2020 और 1968 में काफी समानताएं देखने को मिल रही हैं

आपको बता दें कि जो दंगे इस बार हो रहे हैं वैसे ही साल 1968 में मार्टिन लूथर किंग की हत्या के बाद भी हुए थे। साल 2020 और 1968 में काफी समानताएं देखने को मिल रही हैं। 968 में फ्लू के वायरस ने अमेरिका में कहर ढाया था। चंद्रमा के लिए अपोलो 8 मिशन सफल रहा। लेकिन, अश्वेतों से अन्याय का विध्वंसकारी प्रभाव पड़ा था।

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