यह अनोखा मास्क कोरोना का पता लगाकर डेढ़ घंटे में देगा रिपोर्ट, जानें कैसे

पूरी दुनिया कोरोना वायरस महामारी से जूझ रही है। वैज्ञानिक कोरोना वायरस संक्रमण का पता लगाने के लिए तरह-तरह के एक्सपेरिमेंट कर रहे हैं। अब अमेरिका के वैज्ञानिकों ने एक ऐसा एक्सपेरिमेंट किया है जिस पर बहुत जल्दी यकीन करना संभव नहीं है लेकिन यह सच है। दरअसल, अब केवल मास्क से ही कोरोना वायरस का पता लगाया जा सकता है, इतना ही नहीं यह मास्क रिपोर्ट भी देगा।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी और एमआईटी के वैज्ञानिकों ने एक ऐसा प्रोटोटाइप फेस मास्क तैयार किया है, जो पहनने वाले में कोविड-19 का निदान लगभग डेढ़ घंटा यानी 90 मिनट में कर सकता है। इसे पहनने के डेढ़ घंटे के भीतर ही मालूम हो जाएगा कि उसे पहनने वाले को SARS-CoV-2 या कोरोना वायरस का संक्रमण तो नहीं है। बता दें कि पत्रिका 'नेचर बायोटेक्नोलॉजी' में इस मास्क डिजाइन का उल्लेख किया गया है। बताया जा रहा है कि इस मास्क के ऊपर छोटे-छोटे डिस्पोजेबल सेंसर लगे हैं, जिन्हें दूसरे मास्क में भी लगाया जा सकता है। इनसे अन्य वायरसों के संक्रमण का भी पता चल सकता है।
अमेरिका के मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में प्रोफेसर जेम्स कॉलिन्स का कहना है कि हमने देखा कि वायरस का पता लगाने के लिए कई तरह के सिंथेटिक जैविक सेंसर का उपयोग किया जा सकता है। वायरस के अलावा इन सेंसर से कई जहरीले रसायनों के बारे में भी पता लगाया जा सकता है।
रिपोर्ट के मुताबिक, शोधकर्ताओं ने शोध में व्यक्ति की सांस में वायरल कणों का पता लगाने के लिए उसके मास्क के भीतर सेंसर लगाया। चूंकि मास्क में पानी का एक छोटा जलाशय भी शामिल होता है। जो भी शख्स टेस्ट के लिए तैयार हो तो वह एक बटन दबाकर इसे छोड़ सकता है। जब इस सेंसर को आम फेस मास्क में लगाया गया, तो यह तकनीक एक मरीज की सांस में SARS-CoV-2 वायरस की उपस्थिति का पता लगाने में सक्षम थी।
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