अशरफ गनी ने बताया- चंद मिनटों में लेना पड़ा था अफगानिस्तान को छोड़ने का फैसला, तालिबान को लेकर ये कहा

अशरफ गनी ने बताया- चंद मिनटों में लेना पड़ा था अफगानिस्तान को छोड़ने का फैसला, तालिबान को लेकर ये कहा
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अशरफ गनी के 15 अगस्त को गुप्त तरीके से अचानक अफगानिस्तान छोड़कर चले जाने से वहां पर अराजक हालात बन गए थे। क्योंकि अमेरिका और नाटो बल अफगानिस्तान से वापसी के अंतिम चरण में थे।

अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी ने देश को छोड़ने को लेकर बड़ा बयान दिया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी का कहना है कि तालिबान के बेहद करीब आ जाने की वजह से उनके पास अचानक काबुल छोड़कर चले जाने के अलावा कोई ऑप्शन नहीं था। साथ ही पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी ने शांतिपूर्ण तरीके से सत्ता हस्तातंरण संबंधी एक समझौते की बात से पूरी तरह से इनकार किया है।

पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी ने यह जानकारी एक इंटरव्यू के दौरान दी है। अशरफ गनी ने इंटरव्यू के दौरान कहा है कि काबुल को छोड़कर चले जाने का फैसला महज चंद मिनटों में लिया गया था। गनी ने अपने साथ अवैध रूप से करोड़ों रुपये ले जाने संबंधी आरोपों को पूरी तरह से नकारते हुए उनका खंडन किया है।

अशरफ गनी के 15 अगस्त को गुप्त तरीके से अचानक अफगानिस्तान छोड़कर चले जाने से वहां पर अराजक हालात बन गए थे। क्योंकि अमेरिका और नाटो बल अफगानिस्तान से वापसी के अंतिम चरण में थे। गनी ने बीबीसी रेडियो से बातचीत के दौरान यह भी कहा कि में उस दिन सुबह के वक़्त तक भी मुझे इस बात का कतई अहसास नहीं था कि मैं दोपहर बाद देश को छोड़कर चला जाऊंगा।

देश छोड़ने को छोड़ने का मेरे निर्णय जीवन के सबसे कठिन फैसलों में से एक था। इसका अलावा उन्होंने आगे यह भी कहा, अफगानिस्तान को बचाने के लिए उन्होंने खुद को कुर्बान करना उचित समझा। क्योंकि तालिबानी वहां पर खुनी संघर्ष के जरिए सत्ता हथियाने के लिए थे। वहां पर ऐसे हालात बिल्कुल भी नहीं थे कि वहां पर शांति पूर्वक राजनीतिक सत्ता हस्तांतरण किया जा सके।

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