Breaking News: एस जयशंकर को विदेश मंत्री बनाने पर अमेरिका ने किया स्वागत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में पूर्व विदेश सचिव एस जयशंकर को विदेश मंत्रालय का जिम्मा सौंपे जाने का अमेरिका के टेक्सास में रहने वाले भारतवंशियों ने स्वागत किया है। उनका कहना है कि जयशंकर ने अमेरिका के साथ हुए भारत के असैन्य परमाणु करार में अहम भूमिका निभाई थी। पूर्व विदेश सचिव की महत्त्वपूर्ण पद पर नियुक्ति को भारत के दूसरे देशों के साथ समन्वय स्थापित करने के मोदी के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है।
'इंडो-अमेरिकन चैम्बर ऑफ कॉमर्स ऑफ ग्रेटर ह्यूस्टन' (आईएसीसीजीएच) के संस्थापक सचिव/कार्यकारी निदेशक जगदीप अहलूवालिया ने कहा कि 2013 में अमेरिका में भारत के राजदूत नियुक्त होने के बाद जयशंकर पहली यात्रा पर ह्यूस्टन आए थे। उन्होंने कहा कि अपनी यात्रा के दौरान जयशंकर ने कहा था कि ह्यूस्टन का भारत के साथ खास रिश्ता है क्योंकि इसका भारत के साथ कारोबार करीब आठ अरब अमेरिकी डॉलर का है जो कुछ देशों के साथ होने वाले व्यापार से ज्यादा है।
चैम्बर के अध्यक्ष स्वप्न धैर्यवान ने कहा कि चैम्बर इस साल अपनी 20वीं वर्षगांठ पर ह्यूस्टन में उनका (जयशंकर) फिर से स्वागत करने का इंतजार कर रहा है। 'साउथ एशिया हेरिटेज फाउंडेशन' में रिसर्च फेलो और 'कोल्ड पीस: चाइना इंडिया राइवलरी' और 'एशियाज क्वेस्ट फॉर बेलेंस' के लेखक जैफ एम स्मिथ ने ट्वीट किया कि जयशंकर एक बेहद कुशल राजनयिक हैं और उन्हें मोदी की दूसरी सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल किया जाना भारत के लिए और चीन तथा अमेरिका के साथ भारत के रिश्तों के लिए फायदेमंद होगा।
जयशंकर को चीन और अमेरिका का विशेषज्ञ माना जाता है। वह जनवरी 2015 से जनवरी 2018 तक भारत के विदेश सचिव रहे। वह भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु करार पर बातचीत करने वाली भारतीय टीम के प्रमुख सदस्य थे। इस करार पर बातचीत 2005 में शुरू हुई थी और 2007 में मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार के दौरान इस पर हस्ताक्षर किए गए थे।
और पढ़े: Haryana News | Chhattisgarh News | MP News | Aaj Ka Rashifal | Jokes | Haryana Video News | Haryana News App
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS