Chandrayaan-2 भारत के मिशन चंद्रयान 2 के प्रयास को विश्व ने सराहा, अमेरिका से लेकर रूसी मीडिया ने दी प्रतिक्रिया

Chandrayaan-2 भारत के मिशन चंद्रयान 2 के प्रयास को विश्व ने सराहा, अमेरिका से लेकर रूसी मीडिया ने दी प्रतिक्रिया
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भारतीय स्पेस एजेंसी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का मिशन चंद्रयान टू लैंडर से संपर्क खोते ही टूट गया। चांद की सतह से सिर्फ 2.1 किलोमीटर की दूसरी पर संपर्क टूट गया। इसरो ने इस मिशन को 22 जुलाई को चांद के लिए रवाना कर दिया था। चंद्रयान टू के साथ ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर को भेजा गया था। जिसमें 2 सितंबर को ऑर्बिटर लैंडर और रोवर से अलग हो गया और चांद की कक्षा में अपना काम कर रहा है।

भारतीय स्पेस एजेंसी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का मिशन चंद्रयान टू लैंडर से संपर्क खोते ही टूट गया। चांद की सतह से सिर्फ 2.1 किलोमीटर की दूसरी पर संपर्क टूट गया। इसरो ने इस मिशन को 22 जुलाई को चांद के लिए रवाना कर दिया था। चंद्रयान टू के साथ ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर को भेजा गया था। जिसमें 2 सितंबर को ऑर्बिटर लैंडर और रोवर से अलग हो गया और चांद की कक्षा में अपना काम कर रहा है।

इसरो चीफ ने की घोषणा

चंद्रयान-2 के लॉन्च होने के बाद पृथ्वी और चंद्रमा की कक्षाओं को सफलतापूर्वक इस मिशन ने पूरा किया था। ये चंद्रयान चांद के दक्षिणी ध्रुव पर एक उतरा है। इसकी जानकारी खुद इसरो चीफ के सिवन ने दी। उन्होंने कहा कि लैंडर के साथ संचार लिंक का संपर्क टूट गया। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम के दौरान देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कई स्कूली बच्चे लाइव लैंडिंग देखने के लिए पहुंचे थे।


पीएम का राष्ट्र के नाम संबोधन

लैंडिंग फेल होने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने सुबह 8 बजे इसरो सेंटर से वैज्ञानिकों और देशवासियों को संबोधित किया। पीएम ने कहा कि हमारे अंतरिक्ष कार्यक्रम में सबसे अच्छा रिजल्ट आना बाकी है। देश के लोग अपने वैज्ञानिकों के साथ हैं। चंद्रयान-2 लैंडर विक्रम के साथ भारत के संपर्क टूटने पर पीएम ने कहा कि आज की सीख से हम और भी ज्यादा मजबूत और बेहतर बनाने की तरफ बढ़ेंगे। फिर एक नई सुबह होगी। जब इसरो को सफलता मिलेगी। ऐसे मिशन में कुछ बाधाएं आती हैं लेकिन उड़ाने कभी रूकती नहीं हैं।

विदेशी मीडिया ने भारत के प्रयास पर दी प्रतिक्रिया

भारत के मिशन चंद्रयान 2 के प्रयास को विदेशी मीडिया ने सराहाया है। अमेरिका के न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा कि इंजीनियरिंग के लगातार विकास और कई दशकों के अंतरिक्ष विकास को अपनी वैश्विक महत्वाकांक्षाओं के साथ जोड़ा है। अभी ऑर्बिटर का ऑपरेशन जारी है।

वहीं फ्रांस मीडिया ने लिखा कि अब तक वैज्ञानिक बताता हैं कि जितने भी मिशन गए उनमें से 45 फीसदी ही सफल रहे। सपना टूटा लेकिन भारतीय मीडिया गर्व की बात कर रहा है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन से उम्मीद है।


वहीं नासा ने कहा कि इसरो के प्रयास की सराहना की है। एक हवाई जहाज की तुलना में अंतरिक्ष में गया रोकेट एक कल्पना जैसा है। सभी चीजे चलती रही ये बहुत महत्वपूर्ण बात है। ब्रिटिश अखबार द गार्जियन ने लिखा कि लैंडर से संपर्क टूटा लेकिन भारत वहां जहा रहा है जहां मनुष्य कल्पना कर सकता है। वाशिंगटन पोस्ट ने लिखा कि भारत की बढ़ती अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाए इसे और जोर देगे। इससे युवा वर्ग प्रेरित होगा। संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत चौथा देश होता।

बता दें कि 15 जुलाई को चंद्रयान 2 को उतारने से महज 56 मिटन पहले ही उसे रद्द कर दिया गया। तकनीकी खराबी के चलते फिर चंद्रयान 2 को एक हफ्ते बाद 22 जुलाई को रवाना किया गया। लेकिन सतह से महज 2 किलोमीटर दूर ही संपर्क टूटते ही सपना भी टूट गया लेकिन मिशन अब भी जारी है।

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