चीन अपनी नीति से नहीं आया बाज, अब माउंट एवरेस्ट की फोटो खींच किया ये बड़ा दावा

चीन अपनी नीति से नहीं आया बाज, अब माउंट एवरेस्ट की फोटो खींच किया ये बड़ा दावा
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चीन ने अपने दोस्त नेपाल के साथ एक बड़ा धोखा किया है।हाल ही में चीन ने यह बड़ा दावा किया है कि विश्व का सर्वोच्च पर्वत शिखर अब उसके अधिकार क्षेत्र में है।

जहां एक तरफ पूरा पूरी दुनिया कोरोना वायरस के संक्रमण से जूझ रही है तो वहीं दूसरी तरफ चीन अपनी विस्तार वादी नीति को करने में लगा हुआ है। ताजा रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने विश्व के सबसे ऊंचे पर्वत माउंट एवरेस्ट के चीन के भूभाग में होने का दावा किया है। इसको लेकर उसने एक फोटो भी जारी की है वहीं आज भारत और चीन के बीच हिंसक झड़प सामने आया था।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने अपने दोस्त नेपाल के साथ एक बड़ा धोखा किया है।हाल ही में चीन ने यह बड़ा दावा किया है कि विश्व का सर्वोच्च पर्वत शिखर अब उसके अधिकार क्षेत्र में है। चीन ने एक फोटो जारी कर कहा कि माउंट एवरेस्ट चीन के भूभाग में पड़ता है। जिसको लेकर वहां के सरकारी टीवी चैनल ने चीन की इस विस्तार वादी नीति की मंशा को जाहिर किया है।

जानकारी के लिए बता दें कि पिछले सप्ताह चीन ने माउंट एवरेस्ट को चीन प्रशासित तिब्बत क्षेत्र में होने का दावा किया था। जिसके बाद नेपाल में चीन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है। वहीं दूसरी तरफ चीन के सरकारी टीवी चैनल ने कहा कि माउंट एवरेस्ट की कुछ तस्वीरें प्रकाशित की हैं।

टीवी चैनल ने ट्वीट कर दावा किया है कि माउंट चोमू लूंगा पर सूर्य की रोशनी का शानदार नजारा है इसे माउंट एवरेस्ट भी कहा जाता है। चीन की नजर अब माउंट एवरेस्ट पर भी पड़ चुकी है।

वहीं दूसरी तरफ विशेषज्ञों का कहना है कि 1960 में चीन और नेपाल के बीच एक संधि हुई थी। इस संधि के दौरान इस संधि के दौरान एक हिस्सा चीन के पास है तो दूसरा नेपाल के पास है। लेकिन वहीं चीन का तिब्बत पर अधिकार है। ऐसे में तिब्बत और फिर नेपाल इस पर चीन अपना अपनी विस्तारवादी नीति को आगे बढ़ाकर माउंट एवरेस्ट पर कब्जा कर सकता है।

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