Christmas 2021: क्या आप जानते हैं कहां पर है दुनिया का सबसे ऊंचा चर्च, इसका भी टूटने जा रहा रिकॉर्ड

Christmas 2021: क्या आप जानते हैं कहां पर है दुनिया का सबसे ऊंचा चर्च, इसका भी टूटने जा रहा रिकॉर्ड
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हर साल 25 दिसंबर (25 December) को क्रिसमस का त्योहार (Christmas Day) पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह एक ऐसा त्योहार है, जिसे ईसाई और गैर ईसाई धर्म के सभी लोग मनाते हैं।

हर साल 25 दिसंबर (25 December) को क्रिसमस का त्योहार (Christmas Day) पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह एक ऐसा त्योहार है, जिसे ईसाई और गैर ईसाई धर्म के सभी लोग मनाते हैं। इस दिन यीशु मसीह का जन्म हुआ था। इस मौके पर गिरजाघरों और घरों को सजाया जाता है। घरों में लाइट और क्रिसमस ट्री लगाए जाते हैं और लोग एक दूसरे को गिफ्ट भी देते हैं। यहां हम बात कर रहे हैं दुनिया के सबसे ऊंचे चर्च की। वैसे तो पूरी दुनिया में एक से बढ़कर एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल हैं।

दुनिया का सबसे ऊंचा चर्च

उल्म मिनिस्टर चर्च दुनिया के सबसे ऊंचे चर्च में गिना जाता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि इस चर्च की मीनार करीब 530 फीट ऊंची है। इसका वजन करीब 51,500 टन है। चर्च की लंबाई 405.4 फीट और चौड़ाई 160 फीट है। चर्च में 2 हजार लोगों के एक साथ बैठने और प्रार्थना करने की सुविधा है। जर्मनी में उल्म मिनिस्ट चर्च का निर्माण कार्य 1890 में पूरा हुआ था। तब से इसे दुनिया का सबसे ऊंचा चर्च माना जाता है। लेकिन साल 2026 में यह रिकॉर्ड टूट जाएगा। क्योंकि यूरोपीय देश स्पेन में सगारदा फेमिलिया नाम के चर्च का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा। इस चर्च की मीनार करीब 560 फीट ऊंची होगी।

क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है। इस मौके पर क्रिसमस ट्री की बात न हो, यह कैसे हो सकता है। क्रिसमस पर क्रिसमस ट्री सजाने की परंपरा काफी पुरानी है। अब इसमें बात करते हैं कि क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा की शुरुआत कब और किसने की। सदाबहार क्रिसमस का ट्री फिर या बालसम का वृक्ष होता है। इस वृक्ष को सजाने की परंपरा की शुरुआत प्राचीनकाल में चीन, मिस्र और हिब्र के निवासियों ने की थी। इसके पीछे उनकी यह मान्यता थी कि इन वृक्षों को घरों में सजाकर रखने से बुरी आत्माएं घरों में प्रवेश नहीं करती हैं। यहां के निवासी इस वृक्ष को फूल-मालाओं से सजाते थे, इसे जीवन की निरंतरता का प्रतीक मानते थे।



कहते हैं कि गार्डन' नामक एक लोकप्रिय नाटक का मंचन मध्य काल में किया जाता था, जिसे मंचित करने के लिए फिर के वृक्षों का उपयोग किया जाता था। फिर वृक्ष की सुंदरता बढ़ाने के उद्देश्य से इस पर सेब को लटकाए जाते थे। जर्मनी के निवासियों ने 24 दिसंबर को बालसम वृक्ष को अपने घर के आंगन में लगाने की परंपरा की शुरुआत की। वृक्ष को और खूबसूरत बनाने के उद्देश्य से इस पर पन्नियां और तिकोने तख्ते लगाए जाते थे।

क्रिसमस ट्री को घरों में लगाने की परंपरा की शुरुआत सन् 1841 में महारानी विक्टोरिया के पति अलबर्ट ने की थी। अलबर्ट ने पहला क्रिसमस ट्री विंडसर कैसल में सजाया। आगे चलकर लोग इस वृक्ष को चॉकलेटों, केकों, मोमबत्तियों, से सजाने लगे। इसके बाद ये एक परंपरा बन गई और हर साल लोग क्रिसमस ट्री को सजाते हैं और इस त्योहार को मनाते हैं।

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