अफगानिस्तान पर संकट: जो बाइडन की चुनौती, जी-7 देशों के बढ़ते दबाव के बीच ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने की अपील

अमेरिका के लिए यह मुश्किल है कि वह तालिबान के खतरे से रुकेगा या अपने मित्र देशों की सलाह पर अमल करेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के सामने सबसे बड़ा संकट खड़ा हो चला है। अगर अमेरिका जी-7 देशों के दबाव में अपने सैनिकों को काबुल में रोकते है, तो ऐसे में तालिबान को काबुल एयरपोर्ट पर चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। जबकि तालिबान ने फरमान जारी कर दिया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन ने इस मुद्दे पर जी-7 देशों की बैठक बुलाई है। जिसमें यह प्रस्ताव रखा जाएगा कि अमेरिकी सेना काबुल में लंबे समय तक रहे। क्योंकि अभी रेस्क्यू ऑपरेशन खत्म नहीं हुआ है। अभी भी कई देशों के नागरिक वहां फंसे हुए हैं।
जबकि दूसरी तरफ जो बाइडन ने एक बयान जारी कर कहा कि 31 अगस्त तक वह सभी अमेरिकी सैनिकों को बाहर निकालने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन इन दावों के बीच ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा है कि वह अमेरिका से अपील करेंगे कि सैनिकों को काबुल में लंबे समय तक रखा जाए। अप्रैल से ही अमेरिकी सेना अफगान से बाहर निकालने का काम जारी है।
बाइडन प्रशासन ने पहले ही 11 सितंबर तक सभी सैनिकों को वापस बुलाने की बात कही थी। उसके बाद इस समय सीमा को बढ़ाकर 31 अगस्त कर दिया गया।तालिबान के बढ़ते कब्जे के बीच अमेरिका 31 अगस्त तक अपना बचाव अभियान पूरा करने को तैयार है। हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति ने बीते रविवार को कहा था कि अगरअगर जरूरत पड़ी तो डेडलाइन को बढ़ाया भी जा सकता है।
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