व्हाइट हाउस के पास हिंसक प्रदर्शन, एक घंटे के लिए डोनाल्ड ट्रंप को सुरक्षित बंकर में ले जाया गया

व्हाइट हाउस के पास हिंसक प्रदर्शन, एक घंटे के लिए डोनाल्ड ट्रंप को सुरक्षित बंकर में ले जाया गया
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सूत्र के अनुसार, अगर व्हाइट हाउस में खतरे का सूचकांक लाल पर पहुंच जाता। तो ट्रंप को वहां से इमरजेंसी (आपातकालीन) संचालन केंद्र ले जाया जाता।

अमेरिका के मिनेसोटा में पुलिस हिरासत में अश्वेत अमेरिकन जॉर्ज फ्लॉयड की मौत हो गई। जिसके बाद जॉर्ज फ्लॉयड को इंसाफ दिलाने के लिए सैकड़ों की संख्या में लोग सड़कों हिंसक प्रदर्शन किए जा रहे हैं। हिंसक प्रदर्शनों की आंच व्हाइट हाउस तक पहुंच चुकी है। व्हाइट हाउस अधिकारियों और कानून प्रवर्तन सूत्रों के मुताबिक, वाशिंगटन डीसी में शुक्रवार रात व्हाइट हाउस के बाहर सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारी जमा हो गए और हिंसक प्रदर्शन करने लगे थे।

जिस वजह से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को करीब एक घंटे के लिए एक भूमिगत बंकर में ले जाया गया। इसके बाद उन्हें ऊपर लाया गया। सूत्रों ने बताया कि अमेरिका की प्रथम महिला मेलानिया ट्रंप और उनके बेटे बैरन को भी बंकर में ले जाया गया था। प्रोटोकॉल के मुताबिक, यदि अधिकारी, राष्ट्रपति ट्रंप डोनाल्ड को बंकर में ले जाते हैं तो अन्य सुरक्षा प्राप्त लोगों को भी वहां ले जाना होता। इसीलिए मेलानिया ट्रंप और बैरन दोनों लोगों को ले जाना अनिवार्य था।

एक अन्य सूत्र के अनुसार, अगर व्हाइट हाउस में खतरे का सूचकांक लाल पर पहुंच जाता। तो ट्रंप को वहां से इमरजेंसी (आपातकालीन) संचालन केंद्र ले जाया जाता। प्रोटोकॉल के अनुसार, डोनाल्ड ट्रंप के साथ मेलानिया ट्रंप, बैरन ट्रंप और परिवार के अन्य सदस्यों को भी वहां ले जाना अनिवार्य होता। मिली जानकारी के अनुसार, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को बंकर में ले जाने की खबर सबसे पहले न्यूयॉर्क टाइम्स ने प्रकाशित की थी। शनिवार को, व्हाइट हाउस के बाहर प्रदर्शन खत्म होने के कुछ ही घंटों बाद ट्रंप ने खुद के सुरक्षित होने का ऐलान किया था।

पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प

प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प हो गई। प्रदर्शनकारियों का यह हिंसा प्रदर्शन कई जगहों पर दंगों में बदल गया है। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के वाहन और इमारतों में आग लगा दी। इसके अलावा कई दुकानों में तोड़फोड़ की और सामान लूट लिया। इतना ही नहीं प्रदर्शनकारियों ने नैशविले में आलत की ऐतिहासिक बिल्डिंग में भी आग लगा दी। इस दौरान दो लोगों की मौत की खबर है।

40 से ज्यादा शहरों में हो रहा प्रदर्शन

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिका के न्यूयॉर्क, लॉस एंजिलिस, कैलिफोर्निया, ओहियो, कोलोराडो, विस्कोन्सिन, केन्टकी, उटाह, टेक्सास और वॉशिंगटन शहरों में खूब प्रदर्शन किया जा रहा है। मिन्नेसोटा और जॉर्जिया राज्य में इमरजेंसी का ऐलान करना पड़ा है। 40 से ज्यादा शहरों में हिंसा और दंगों के कारण कर्फ्यू लगाया गया है लेकिन इसके बाद भी प्रदर्शन खत्म नहीं हो रहा है।

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