चीन को एलएसी पर बदलने पड़े 90 प्रतिशत सैनिक, जानिए क्या है वजह

चीन को एलएसी पर बदलने पड़े 90 प्रतिशत सैनिक, जानिए क्या है वजह
X
खबरों से मिली जानकारी के मुताबिक बीते वर्ष 2020 अप्रैल और मई के महीने से लेकर अब तक चीन ने पूर्वी लद्दाख के उस पार एलएसी पर 50000 से अधिक सैनिकों को तैनात किया है। बॉर्डर पर समझौते के बाद भी चीन के जवानों की बड़ी संख्या में मौजूदगी बरकरार है।

चीन के सैनिकों को लद्दाख की ठंड ने परेशान कर दिया है। अधिक सर्दी की वजह से चीन को वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर 90 प्रतिशत सैनिक बदलने पड़े हैं। यानी के चीन ने अपने 90 प्रतिशत सैनिकों की अदला-बदली की है। खबरों से मिली जानकारी के अनुसार, सर्दी से बचाने के लिए बॉर्डर पर पुराने जवानों को बुलाकर नई खेप भेजी गई है। गौरतलब है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत-चीन के बीच पिछले साल मई से गतिरोध लगातार जारी है।

खबरों से मिली जानकारी के मुताबिक बीते वर्ष 2020 अप्रैल और मई के महीने से लेकर अब तक चीन ने पूर्वी लद्दाख के उस पार एलएसी पर 50000 से अधिक सैनिकों को तैनात किया है। बॉर्डर पर समझौते के बाद भी चीन के जवानों की बड़ी संख्या में मौजूदगी बरकरार है। हालांकि, कुछ फॉर्वार्ड लोकेशन और पैन्गॉन्ग लेक सेक्टर से चीन के कुछ सैनिकों की वापसी जरूर हुई है।

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सूत्रों ने बताया है कि एलएसी पर बीते वर्ष से तैनात सैनिकों को वापस बुलाया गया है और वहां सैनिकों की नई खेप भेजी गई है। बीते वर्ष भी ज्यादा सर्दी की वजह से गितिरोध वाले स्थानों पर हर रोज़ चीन की ओर से सैनिकों की अदला-बदली की जा रही थी।

2 साल के लिए जवान होते हैं तैनात

खबरों से मिली जानकारी के अनुसार, भारतीय सेना के जवानों को इन इलाकों में 2 साल तक के लिए तैनात किया जाता है। इस दौरान 40 से 50 प्रतिशत सैनिकों की रोटेशन पॉलिसी के तहत अदला-बदली की जाती है। जबकि, आईटीबीपी के जवान इन कठिन इलाकों में भी दो साल से अधिक समय तक रहते हैं। सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे इन इलाकों का लगातार दौरा करते रहते हैं।

Tags

Next Story