CISA Summit 2019: इस मामले में भारत के पक्ष में 74 देशों ने किए हस्ताक्षर

विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर भूटान के बाद दूसरे विदेश दौरे पर ताजिकिस्तान में हैं। राजधानी दुशांबे में चल रहे पांचवें सीआइसीए सम्मेलन में विदेश मंत्री ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (International Solar Alliance ) की हमारी पहल पर हमें विश्व भर से भारी समर्थन मिल रहा है। 74 देशों ने आज फ्रेमवर्क समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके तहत बड़े पैमाने पर सौर ऊर्जा का उत्पादन किया जाना है।
External Affairs Minister S Jaishankar at 5th Conference on Interaction&Confidence Building Measures in Asia (CICA) Summit in Dushanbe: Our initiative of international solar alliance has received overwhelming support. 74 countries have today signed framework agreement.#Tajikistan pic.twitter.com/sHwUAFJyPZ
— ANI (@ANI) June 15, 2019
बता दें कि अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन दुनिया के 121 देश शामिल हैं। इनमे से लगभग 80 फीसदी वे देश हैं जो कर्क और मकर रेखा के बीच स्थित हैं। यानी कि ये देश सूर्य से सबसे कम दूरी पर स्थित हैं और इन देशों में सालों भर बहुत अधिक मात्रा में सौर ऊर्जा उपलब्ध रहती है। आईएसए का लक्ष्य 2030 तक एक ट्रिलियन वाट (1000 गीगावाट) सौर ऊर्जा उत्पादन का है।
इससे पहले एस. जयशंकर ने ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति इमोमाली रहमान से मुलाकात की। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि सीआईएसए 2019 शिखर सम्मेलन में ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति इमोमाली रहमान द्वारा गर्मजोशी से स्वागत किया गया।
A warm welcome by Tajik President @EmomaliRahmon at the #CICA2019 Summit. pic.twitter.com/Lcq1s0AXBu
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) June 15, 2019
उन्होंने दूसरे ट्वीट में कहा कि आतंकवाद सबसे बड़ा खतरा है जिसका एशिया सामना कर रहा है। सीआईएसए सदस्य इससे पीड़ित हैं और इसलिए यह स्पष्ट होना चाहिए कि आतंकवाद और उसके पीड़ितों की बराबरी नहीं की जानी चाहिए।
Terrorism is the gravest threat we face in Asia. CICA members are its victims and so it should be clear that terrorists and their victims must never be equated.#CICA2019
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) June 15, 2019
उन्होंने कहा कि हम अफगानिस्तान में एक शांति और सुलह प्रक्रिया का समर्थन करते हैं जो अफगान के नेतृत्व वाली और अफगान के स्वामित्व वाली है। सभी पहल और प्रक्रियाओं में वैध रूप से चुनी गई सरकार सहित अफगान समाज के सभी वर्गों को शामिल करना चाहिए।
We support a peace and reconciliation process in Afghanistan that is Afghan-led and Afghan-owned. All initiatives and processes must include all sections of Afghan society, including the legitimately elected Government.#CICA2019
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) June 15, 2019
जयशंकर ने आगे कहा कि नए भू-राजनीतिक और भू-आर्थिक दोषों के कारण वैश्वीकरण तनाव में है। भारत एक नियम आधारित आदेश का समर्थन करता है। उन्होंने कहा कि भारत-मध्य एशिया 5 संवाद प्रारूप क्षेत्रों में सहयोग और स्थिरता के लिए बड़ा सकारात्मक है।
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