Earthquake: नेपाल में 5.5 की तीव्रता से आए भूकंप का बिहार के कई जिलों में असर, घरों से निकलकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचे लोग

Earthquake: नेपाल में 5.5 की तीव्रता से आए भूकंप का बिहार के कई जिलों में असर, घरों से निकलकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचे लोग
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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बिहार के मुजफ्फरपुर, बेगूसराय, कटिहार, किशनगंज, मधेपुरा अररिया, सीतामढ़ी, दरभंगा, सुपौल, लखीसराय और मुंगेर में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं।

नेपाल (Nepal) की राजधानी काठमांडू (Kathmandu) में आज सुबह करीब 8 बजे भूकंप के झटके (Earthquake Tremors) महसूस किए गए हैं। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 5.5 मापी गई है। भूकंप (Earthquake) के झटके महसूस होते ही लोग घरों से निकलकर सुरक्षित स्थानों की ओर दौड़ पड़े। भूकंप इतना तेज था कि बिहार (Bihar) के कई जिलों में इसका असर देखने को मिला है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बिहार के मुजफ्फरपुर, बेगूसराय, कटिहार, किशनगंज, मधेपुरा अररिया, सीतामढ़ी, दरभंगा, सुपौल, लखीसराय और मुंगेर में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। बिहार के लोगों का कहना है कि सुब अचानक से भूकंप के झटकों का एहसास हुआ। हालांकि, इस भूकंप के चलते नेपाल और बिहार में जान-माल के नुकसान की कोई जानकारी सामने नहीं आई है। वहीं राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार, रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 5.5 मापी गई है। भूकंप का केंद्र नेपाल की राजधानी काठमांडू से 147 किमी दक्षिण पूर्व में था।

क्यों आता है भूकंप?

बता दें कि पृथ्वी की मुख्य तौर पर 4 परतों क्रमश: इनर कोर, आउटर कोर, मैनटल और क्रस्ट से निर्मित है। इस क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल कोर को लिथोस्फेयर के नाम से भी जाना जाता है। ये 50 किमी मोटी परत (टैकटोनिक प्लेट्स) कई वर्गों में बंटी हुई रहती है। यही 'टैकटोनिक प्लेट्स' अपनी जगह पर हिलती-डुलती रहती हैं। लेकिन जब ये प्लेट्स जरूरत से अधिक हिलने लगती हैं तो उसे हम भूकंप कहते हैं। ये प्लेट क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर दोनों ही तरह से अपनी जगह से हिल-डुल सकती हैं। इसके बाद वह स्थिर होते हुए अपनी जगह तलाशती हैं इस दौरान एक प्लेट दूसरी प्लेट के नीचे आ जाता है। जिससे भूकंप बनता है और तरंगे आती हैं।

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