Earthquake In Mexico: मैक्सिको में भूकंप से कांपी धरती, रिक्टर स्केल 6.3 तीव्रता हुई दर्ज

Earthquake In Mexico: मैक्सिको में भूकंप से कांपी धरती, रिक्टर स्केल 6.3 तीव्रता हुई दर्ज
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Earthquake In Mexico: अमेरिका के मैक्सिको (Mexico) में भारतीय समयानुसार सोमवार को तड़के 2 बजे भूकंप (Earthquake) के झटके महसूस किए गए हैं। इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.3 दर्ज की गई है। हालांकि, किसी भी तरह के नुकसान की जानकारी सामने नहीं आई है।

Earthquake In Mexico: अमेरिका के मैक्सिको (Mexico) में भूकंप के तेज झटकों से धरती कांपी है। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, सेंट्रल मैक्सिको में भूकंप (Earthquake) की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.3 दर्ज की गई है। हालांकि, शुरुआती रिपोर्टों के आधार पर कहा जा रहा है कि भूकंप से प्रभावित क्षेत्रों में किसी नुकसान की जानकारी सामने नहीं आ रही है। भारतीय समय के अनुसार, सोमवार की रात को करीब 2 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं।

इससे पहले बीते माह भी आया था भूकंप

बता दें कि इससे पहले भी बीते माह मई महीने में भूकंप (Earthquake) के झटकों से धरती हिली थी। 25 मई को पनामा-कोलंबिया सीमा के कैरेबियन सागर में भूकंप आया था। इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.6 मापी गई थी। इसमें भी किसी भी तरह के नुकसान की सूचना नहीं मिली थी। वहीं, बीते 18 मई को भी मैक्सिको (Mexico) में भूकंप के झटके लगे थे। उस वक्त इसकी तीव्रता 6.4 मापी गई थी। भूकंप का केंद्र कैनिला, ग्वाटेमाला की नगर पालिका से 2 किलोमीटर दक्षिण पूर्व में था।

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जानें भूंकप कैसे आता है

भूकंप (Earthquake) आने की मुख्य वजह जमीन के अंदर स्थित प्लेटों (Plates) का आपस में टकराना है। बता दें कि जमीन के अंदर कुल सात प्लेट्स होती हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जब इन प्लेटों का आपस में टकराव होता है, तो वहां पर फॉल्ट लाइन जोन (Fault Line Zone) का निर्माण होता है और सतह के कोने मुड़ने लगते हैं। साथ ही, सतह के कोने मुड़ने के चलते वहां पर दबाव पैदा होता है और उसकी वजह से प्लेट्स टूटने लग जाती हैं। इनके टूटने के बाद एक ऊर्जा पैदा होती है और वह बाहर आने के लिए रास्ता तलाशती हैं। इसी के वजह से जमीन की सतह हिलती है और यही भूकंप कहलाती है।

भूकंप की तीव्रता

बता दें कि रिक्टर पैमाने पर 2.0 से कम तेजी से आने वाले भूंकप (Earthquake) को माइक्रो कैटेगरी के अंदर रखते हैं और यह महसूस नहीं किए जाते हैं। इस तरह के भूकंप दुनियाभर में 8,000 भूकंप आते हैं। इसी तरह 2.0 से 2.9 तीव्रता वाले भूकंप को माइनर कैटेगरी (Minor Category) के तहत दर्ज किया जाता है। ऐसे तकरीबन 1,000 भूकंप रोजाना आते हैं और इसे भी महसूस नहीं किया जाता है। वहीं, 3.0 से 3.9 तीव्रता वाले भूंकप को वेरी लाइट कैटेगरी में रखा जाता है। यह एक साल में तकरीबन 49,000 बार रिक्टर स्केल पर दर्ज किए जाते हैं। इन झटकों को महसूस तो किया जाता है लेकिन इनसे नुकसान नहीं होता है।

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