जी7 की बैठक में बोले पीएम मोदी, विकासशील देशों के लिए भूमि क्षरण एक विशेष चुनौती है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र हाई लेवल मीटिंग को संबोधित करते हुए कई मुद्दों को उठाया। जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भारत लोकतंत्र की रक्षा, विचार की स्वतंत्रता और सत्तावाद, आतंकवाद, उग्रवाद और आर्थिक जबरदस्ती से उपजे खतरों से स्वतंत्रता की रक्षा में जी7 और उसके सहयोगियों के लिए एक स्वाभाविक सहयोगी है।
ग्रुप ऑफ सेवन में पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में भारत जी7 और अतिथि देशों के लिए एक स्वाभाविक सहयोगी है। जो सत्तावाद, आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद, दुष्प्रचार और सूचना और आर्थिक जबरदस्ती से उत्पन्न खतरों से इन साझा मूल्यों की रक्षा करता है। पीएम ने आधार, प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण और जन धन-आधार-मोबाइल जैसी योजनाओं के माध्यम से डिजिटल दौर में क्रांति ला दी।
वहीं दूसरी तरफ ब्रिटेन की अगुवाई में हुई जी7 मीटिंग के दौरान भारत ने अमेरिका की तरफ से प्रस्तावित बिल्ड बैक बैटर वर्ल्ड योजना के लिए सकारात्मक संकेत दिए हैं। जबकि दूसरी तरफ बीजेपी पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने जी7 में दिए पीएम मोदी के भाषण पर टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि भारत आगे बढ़ रहा है, क्योंकि उसने G7 शिखर सम्मेलन में अपनी छाप छोड़ी है।
चिदंबरम ने कहा कि नरेंद्र मोदी का भाषण न केवल महाकाव्य था, बल्कि विडंबना भी थी। मोदी सरकार को वही करना चाहिए जो उसने दुनिया को बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत सबसे कम टीकाकरण और सबसे संक्रमित राष्ट्र के रूप में कोविड-19 की दूसरी लहर से प्रभावित था। सम्मेलन को संबोधित करते हुए भारत एक ऐसे राष्ट्र के रूप में अपना सर्वश्रेष्ठ पैर आगे रखता है जिसने खुद को अच्छी तरह से प्रबंधित किया है। पीएम मोदी ने भारत की जलवायु परिवर्तन की पहल, भविष्य की महामारियों के लिए लचीलापन और तैयारियों और दूसरी लहर के प्रबंधन के बारे में भी बात की।
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