Haribhoomi Explainer: रूस में थमी बगावत! बन गई बात, यहां पढ़ें रूस में अब कैसा है माहौल

Haribhoomi Explainer: रूस में थमी बगावत! बन गई बात, यहां पढ़ें रूस में अब कैसा है माहौल
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Haribhoomi Explainer: रूस की प्राइवेट आर्मी वैगनर ग्रुप के मुखिया येवगेनी प्रिगोझिन ने राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन के खिलाफ जो बगावत छेड़ी थी, अब वह उससे पीछे हट गए हैं। प्रिगोझिनी अब बेलारूस जाएंगे और रूस को छोड़ देंगे। आइए आज के हरिभूमि एक्सप्लेनर के माध्यम से आपको बताते हैं कि कैसे रूस और येवगेनी के बीच किस बात को लेकर समझौता हुआ। साथ ही बताएंगे कि रूस में अब कैसा माहौल है।

Haribhoomi Explainer: रूस (Russia) की सड़कों पर सेना और तोप उतारने वाले राष्ट्रपति पुतिन (President Putin) के शेफ रह चुके येवगेनी प्रिगोझिन और रूस के बीच अब समझौता हो गया है। रूस और येवगेनी के बीच समझौता कराने में बेलारूस (Belarus) के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको (President Alexander Lukashenko) ने अहम भूमिका निभाई है। समझौते के बाद येवगेनी के कहा कि वह नहीं चाहते देश में खून खराबा हो, इसलिए यह समझौता किया। आइये हरिभूमि एक्सप्लेनर के माध्यम से आपको हम इस घटना के बारे में विस्तार से बताते हैं।

रूस की प्राइवेट आर्मी वैगनर ग्रुप के चीफ येवगेनी प्रिगोझिन और रूस के बीच कल यानी शनिवार रात को समझौता हो गया। रूस को नया राष्ट्रपति देने की बात कहने वाले येवगेनी ने महज 12 घंटे में ही ऐसी पलटी मारी कि वो रूस के साथ समझौता की बात मान गए। बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने वैगनर ग्रुप के चीफ येवगेनी प्रिगोझिन के साथ रूस का समझौता कराया, जिसके बाद प्रिगोझिन ने अपने सैनिकों और टैंकों को पीछे हटने को कहा।

खून खराबा न हो इसलिए वापस जा रहे हैं- येवगेनी

रूस के साथ समझौते के बाद येवगेनी प्रिगोझिन ने एक आधिकारिक टेलीग्राम चैनल के माध्यम से बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा कि देश में खून-खराबा हो सकता था। इसीलिए हमने अपनी जिम्मेदारी को समझा, जिससे खून-खराबे को रोका जा सके। हम अपने काफिले को वापस बुला रहे हैं और योजना के अनुसार फील्ड शिविरों में वापस जा रहे हैं। वीडियो जारी करने के कुछ ही घंटों के बाद रूस के रोस्तोव शहर में वैगनर के सैनिकों को शहर से बाहर निकलते हुए देखा गया। यहां लोगों ने वैगनर सैनिकों के साथ सेल्फी ली और उनके जयकारे के नारे लगाए।

वैगनर चीफ पर लगाए गए सभी आरोप वापस लेगा रूस

वैगनर चीफ और रूस के बीच समझौते की शर्त रखी गई कि वैगनर चीफ के खिलाफ लगाए गए सभी आरोप रूस वापस ले। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, क्रेमलिन के प्रवक्ता ने शनिवार को कहा कि येवगेनी प्रिगोझिन ने बेलारूसी राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको की मध्यस्थता में हुए समझौते के तहत मॉस्को में अपनी सेना के मार्च को रोकने का फैसला किया। इसलिए सशस्त्र नेतृत्व करने वाले वैगनर नेता के खिलाफ लगाए गए सभी आरोप वापस लिए जा रहे हैं।

दोस्ती में खटास आ गई

दरअसल, प्रिगोझिन व्लादिमीर पुतिन के सबसे करीबी सहयोगियों में से एक हुआ करते थे। एक दोषी से व्यवसायी बने, उसका उत्थान उसके खानपान व्यवसाय के कारण हुआ, जिसने रूस के अमीर और शक्तिशाली लोगों को सेवा प्रदान की।

लुकाशेंको ने कराई मध्यस्थता

वैगनर सैनिकों को अचानक वापस बुलाने का फैसला बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको और प्रिगोझिन के बीच बातचीत के बाद आया है। लुकाशेंको लंबे समय से पुतिन के सहयोगी रहे हैं। रूसी राष्ट्रपति ने उन्हें अपने देश पर मजबूत पकड़ बनाए रखने में मदद की है। वह वर्तमान में 1994 के बाद से सबसे लंबे समय तक पद पर रहने वाले यूरोपीय राष्ट्रपति हैं।

तख्तापलट टला-संकट बरकरार

रूस में कुछ समय के लिए तख्तापलट का संकट टल गया है, लेकिन शनिवार का संकट रूस की सैन्य और राजनीतिक स्थापना के साथ-साथ यूक्रेन के खिलाफ युद्ध की रणनीति में कुछ प्रमुख कमजोरियों को दिखाता है। डेढ़ साल से चल रहे युद्ध ने रूसी सेनाओं पर अप्रत्याशित प्रभाव डाला है, जबकि पुतिन ने त्वरित जीत का वादा किया था, युद्ध लंबा खिंच गया है, जिससे बड़े पैमाने पर हताहत हुए हैं और सेनाओं के भीतर, विशेषकर शीर्ष अधिकारियों में निराशा है।

क्या है विवाद की असली वजह

रूस की वैगनर ग्रुप एक प्राइवेट सेना है। जिसका नेतृत्व येवगेनी करते हैं। रूस और यूक्रेन के बीच हुए युद्ध में इन सैनिकों ने रूसी सैनिकों के साथ मिलकर यूक्रेन से लोहा लिया और अब तक युद्ध में अहम भूमिका निभाई। इसी युद्ध के दौरान रूस की सेना और वैगनर ग्रुप के बीच तनाव बढ़ा, तो वैगनर ग्रुप के चीफ प्रिगोझिन ने रूस के सैन्य नेतृत्व को निशाने पर लेना शुरू कर दिया। उन्होंने यह तक आरोप लगा दिया कि यूक्रेन में उनके सैन्य अड्डों पर रूस ने ही हमला किया। हालांकि, रूसी सेना ने इसका खंडन भी किया, लेकिन येवगेनी ने रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु को हटाने की मांग की है, जो यूक्रेन में युद्ध के संचालन के लिए लंबे समय से आलोचनाओं में घिरे हैं।

पुतिन को पहले से ही था अन्देशा

रूसी राष्ट्रपति पुतिन को इस बात का पहले से ही अन्देशा था कि उनके खिलाफ रूस की प्राइवेट आर्मी बगावत करने वाली है। इसलिए उन्होंने प्राइवेट आर्मी को भंग करने की तरफ कदम बढ़ा दिए थे। पुतिन यह कदम उठाते कि इससे पहले ही येवगेनी ने बगावत कर दी। इसके बाद तोप और सैनिकों के साथ मॉस्को की तरफ निकल दिए।

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रूस की स्थिति पर अमेरिका की पैनी नजर

रूस की घटना पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को घटना के बारे में लगातार जानकारी दी जा रही है। व्हाइट हाउस के एक बयान के अनुसार, इस मामले को लेकर बैठक हुई है, जिसमें अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सुलिवन, विदेश मंत्री ब्लिंकन, रक्षा मंत्री ऑस्टिन के साथ कई अन्य राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारी भी शामिल हुए थे।

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