Haribhoomi Explainer: नकाब, बुर्का और हिजाब में क्या है अंतर, इन देशों में पहनने पर रोक

Haribhoomi Explainer: नकाब, बुर्का और हिजाब में क्या है अंतर, इन देशों में पहनने पर रोक
X
Haribhoomi Explainer: सरकती जाए है रुख से नकाब आहिस्ता-आहिस्ता, निकलता आ रहा है आफ्ताब आहिस्ता-आहिस्ता। शायर अमीर मीनाई ने बहुत ही आसानी से कह दिया रुख से नकाब सरक रहा है और ऐसा लग रहा है जैसे सूर्य उदय हो रहा हो, लेकिन शायरों की दुनिया काल्पनिक होती है। कल्पना की इस दुनिया से आज के हरिभूमि एक्सप्लेनर में हम आपको हिजाब, नकाब और बुर्के की हकीकत से वाकिफ कराएंगे।

Haribhoomi Explainer: आपने जरूर देखा होगा कि मुस्लिम महिलाएं नकाब, हिजाब और बुर्का आदि पहनती हैं। क्या आपको पता है कि इन तीनों में क्या अंतर होता है। आखिर ये तीनों आपस में एक-दूसरे से कैसे अलग हैं। इस्लाम धर्म में बुर्का, नकाब और हिजाब आदि पहनने का प्रचलन है और इसके पीछे कई प्रकार की धार्मिक मान्यताएं हैं। महिलाओं के शरीर को ढकने के लिए विभिन्न प्रकार के कपड़ों का प्रयोग किया जाता है। आपने जरूर देखा होगा कि मुस्लिम महिलाएं भिन्न-भिन्न प्रकार से अपने शरीर को ढकती हैं। हरिभूमि एक्सप्लेनर में आज हम आपको बुर्का, हिजाब और नकाब के बारे में बताएंगे कि ये तीनों आपस में कैसे अलग हैं।

नकाब

नकाब एक प्रकार से कपड़े का परदा होता है, जो चेहरे और सिर पर लगा होता है। इसमें महिला का चेहरा नहीं दिखता है। लेकिन, नकाब में आंखें कवर नहीं होती हैं और चेहरे पर भी यही बंधा होता है। यह इस तरह से बनाया जाता है, जिसमें सिर से लेकर पांव तक शरीर ढका रहता है। इसमें सिर्फ आंखें ही नजर आती हैं।

बुर्का

बुर्के में महिला पूरी तरह ढकी रहती हैं। इसमें सिर से लेकर पांव तक पूरा शरीर ढका रहता है। यहां तक कि आंखों पर एक पर्दा लगा रहता है। आंखों के सामने एक जालीदार कपड़ा होता है, जिससे महिला बाहर की चीजें देख सकें। बुर्के में महिलाओं का कोई भी अंग दिखाई नहीं देता है।

हिजाब

नकाब और बुर्का से हिजाब अलग होता है। हिजाब में एक कपड़ा होता है, जिससे महिला की गर्दन और सिर ढकी रहती है। लेकिन, इसमें महिला का चेहरा दिखता रहता है। यह हर रिवाज, परंपरा और मान्यता के आधार पर तय होता है कि महिला कब क्या पहनेगी। ऐसी मान्यता है कि इसमें बालों को पूरी तरह से ढकना होता है।

इन देशों में नकाब, बुर्का और हिजाब पर बैन

हिजाब, नकाब और बुर्के पर जब भी बात होती है, तो बहस शुरू हो जाती है। कुछ लोग इनका समर्थन करते हैं, तो कुछ विरोध में खड़े हो जाते हैं। कोई इसे महिलाओं की आजादी के खिलाफ बताता है, तो कोई इसे घार्मिक परिधान बता कर इसका समर्थन करता है। तो चलिए बताते हैं उन देशों के बारे में, जहां महिलाओं के लिए नकाब, बुर्का और हिजाब अनिवार्य किया गया है।

किस देश में हैं क्या नियम

सऊदी अरब

सऊदी अरब में महिलाओं को अबाया जो एक ढीली पोशाक होती है, उसे हिजाब, नकाब या बुर्का के साथ पहनना आवश्यक होता है। यह पोशाक महिलाओं के शरीर को सिर से लेकर पैर तक ढक देता है। सऊदी अरब में महिलाओं को उन सभी जगहों पर अबाया पहनना पड़ता है, जहां वे उन पुरुषों द्वारा देखे जा सकते हैं, जो उनसे संबंधित नहीं हैं।

ईरान

ईरान में 1979 की इस्लामिक क्रांति के बाद से ही हिजाब पहनना अनिवार्य है। महिलाओं को सार्वजनिक जगहों पर ढीले कपड़े पहनने और सिर और गर्दन ढकने का आदेश है। आपको बता दें कि सीआईए वर्ल्ड फैक्टबुक के मुताबिक ईरानियों में लगभग 90-95 प्रतिशत लोग इस्लाम के शिया शाखा से संबंध रखते हैं और बाकी सुन्नी और सूफी शाखाओं के लगभग 5-10 प्रतिशत जनसंख्या है।

पाकिस्तान

पाकिस्तान भी एक मुस्लिम बहुल देश है, लेकिन यहां ऐसा कोई कानून नहीं है, जो बुर्का पहनने और अन्य परिधानों से शरीर और चेहरे को ढकने का कानून हो। हालांकि, देश में मुस्लिम महिलाओं के बीच बुर्का पोशाक पहनना काफी आम है।

इंडोनेशिया

इंडोनेशिया एक मुस्लिम बहुल देश है, जहां महिलाओं को यह तय करने का अधिकार दिया जाता है कि वो हिजाब या अन्य कोई शरीर ढकने वाला पोशाक पहनना चाहती है या नहीं।

इन देशों में बुर्का है प्रतिबंधित

फ्रांस

फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी ने 2010 में बुर्का, नकाब और हिजाब पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया था। उन्होंने कहा था इससे महिलाओं को बराबरी का अधिकार प्राप्त होगा। फ्रांस कानून के मुताबिक बुर्का और नकाब पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा हुआ है और अगर कोई भी इस नियम का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

चीन

चीन में पब्लिक बस में सफर करते समय स्कार्फ पहनने की अनुमति नहीं है, जो ऐसा करता है, उन्हें बसों में सवारी नहीं करने दिया जाता है।

जर्मनी

साल 2017 में जर्मनी सरकार ने सरकारी कर्मचारी, जज और सैनिकों को पूरा चेहरा ढकने पर रोक लगा दिया।

श्रीलंका

हाल में ही हुए आतंकी हमले के बाद श्रीलंका ने सार्वजनिक स्थानों पर चेहरे को पूरी तरह से ढकने पर रोक लगा रखी है।

बेल्जियम

बेल्जियम में 2011 से ही बुर्का और नकाब पर रोक है। इस नियम को तोड़ने की वजह से 24 अगस्त 2016 तक 60 महिलाओं के खिलाफ मुकदमा चलाया गया था।

Tags

Next Story