Haribhoomi Explainer: PM मोदी जापान दौरे पर, G-7 समिट की बढ़ेगी साख, पढ़िये वजह

Haribhoomi Explainer : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जापान दौरा काफी महत्वपूर्ण है। भारत उन देशों में है, जिसने परमाणु अप्रसार संधि (Nuclear Non-Proliferation Treaty, NPT) पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। इस समझौते का मुख्य उद्देश्य परमाणु के प्रसार व परीक्षण पर रोक लगाना है। हिरोशिमा एक मात्र ऐसा शहर है, जहां विश्व का पहला और आखिरी परमाणु हमला हुआ था। इसका असर आज भी हिरोशिमा और नागासाकी में देखा जा सकता है।
क्या है G-7
G-7 विश्व की विकसित अर्थव्यवस्थाओं का एक समूह है। इस समूह में जर्मनी, फ्रांस, जापान, अमेरिका, इटली, ब्रिटेन और कनाडा देश शामिल हैं। इसे group of seven के नाम से भी जाना जाता है। ये देश स्वयं को कम्युनिटी ऑफ वैल्यूज यानी मूल्यों का आदर करने वाला कहते हैं। मानवाधिकारों की स्वतंत्रता, कानून का शासन, लोकतंत्र व आर्थिक समृद्धि में लगातार विकास इस समूह का मुख्य उद्देश्य है।
G-7 के काम
G-7 समूह के देशों के नेताओं का दो दिवसीय शिखर सम्मेलन हर वर्ष होता है। इसमें महत्वपूर्ण वैश्विक आर्थिक मुद्दों के साथ-साथ अहम सामाजिक मुद्दों व राजनीतिक सुरक्षा पर भी बात होती है। प्रतिवर्ष इसके सभी सदस्य एक-एक करके समूह की अध्यक्षता करते हैं और हर शिखर सम्मेलन की मेजबानी करते हैं। इसमें अंतरराष्ट्रीय संगठनों व देशों के प्रतिनिधित्व करने वाले नेताओं को भी आमंत्रित करते हैं।
G-7 के उद्देश्य
G-7 के पहले सफल सम्मेलनों में जलवायु परिवर्तन, एचआईवी एड्स, ऊर्जा नीति और वैश्विक सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर बात हुई। इस बार G-7 सम्मेलन जापान में होने जा रहा है और इस बार के विषय में रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को लेकर भी चर्चा होगी। साथ ही, रूस के खिलाफ नए प्रतिबंध लगाने की कोशिश भी होगी। पीएम मोदी भी इस बैठक में भाग लेने के लिए जा रहे हैं। हालांकि, वह इस तरह के किसी भी मुद्दे का समर्थन नहीं करेंगे। साथ ही, चीन के आक्रामक रूख के खिलाफ भी कार्रवाई की चर्चा होने वाली है। भारत की मंशा इन दोनों मामलों से दूरी बनाने की ही है।
G-7 में भारत का महत्व
अब विदेशों में भी भारत की साख बढ़ चुकी है। ये सबसे बड़ी वास्तविकता है कि G-7 भारत की राय को कभी भी नजरअंदाज नहीं कर सकता है। G-7 दुनिया के प्रभावशाली राष्ट्रों का समूह है। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) अपना प्रभाव खो रहा है। दरअसल, अमेरिका और चीन तथा रूस के बीच संबंध बिगड़ रहे हैं और वर्तमान हालात में यूएनएससी (UNSC) मजबूत निर्णय लेने में समर्थ नहीं है। इस कारण G-7 अपनी अच्छी साख बनाने में लगा है।
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