भारत-चीन के मिलिट्री कमांडरों के बीच 9वें दौर की बैठक शुरू, तनाव कम करने पर दिया जाएगा जोर

भारत-चीन के मिलिट्री कमांडरों के बीच 9वें दौर की बैठक शुरू, तनाव कम करने पर दिया जाएगा जोर
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भारत और चीन के बीच एलएसी (LAC) पर पूर्वी लद्दाख में तनाव को कम करने के लिए आज लगभग दो महीने के बाद मिलिट्री कमांडर एक बार फिर से बातचीत करेंगे। वहीं आपको बता दें कि आज की बैठक चीनी सीमा रेखा में स्थित मोल्डो में हो रही है।

भारत और चीन के बीच एलएसी (LAC) पर पूर्वी लद्दाख में तनाव को कम करने के लिए आज लगभग दो महीने के बाद मिलिट्री कमांडरों की बातचीत शुरू हो गई है। वहीं आपको बता दें कि आज की बैठक चीनी सीमा रेखा में स्थित मोल्डो में हो रही है। मोल्डो भारत में स्थित चुशूल सेक्टर के ठीक विपरित में चीनी सीमा में स्थित है। इससे पहले दोनों देशों के बीच 6 नवंबर को वार्ता हुई थी।

हर बार की तरह इस बार भी चीन के साथ वार्ता के दौरान विदेश मंत्रालय का एक अधिकारी बतौर प्रतिनिधि वहां पर मौजूद रहेगा। भारत और चीन के बीच पिछले नौ महीनों से तनाव की स्थिति बनी हुई है। दोनों तरफ से पूर्वी लद्दाख में सेना और हथियारों की भारी तैनाती की गई है। भारत ने आर्टिलरी गन, टैंक, हथियारबंद वाहन सीमा पर तैनात कर रखे हैं। दोनों देशों के बीच 8 राउंड की वार्ता हो चुकी है, लेकिन लद्दाख में गतिरोध का समाधान नहीं निकला है।

लद्दाख की घाटियों में तापमान इस वक्त शून्य से 30 डिग्री नीचे चला गया है। लेकिन दोनों ओर से सेनाओं में कोई कटौती नहीं हुई है। सर्दियां होने की वजह से सीमा रेखा पर शांति है, लेकिन तनाव अभी भी बरकरार है। पैंगांग झील में झड़प के साथ तनाव दोनों देशों के बीच पिछले साल मई में तनाव तब शुरू हुआ जब पैंगोंग झील पर चीनी सेना ने अपना दावा बढ़ाना चाहा। इस दौरान दोनों सेनाओं के बीच झड़प भी हुई। इस दौरान चीन के अलावा भारत के भी कुछ जवान घायल हुए।

15 जून 2020 को गलवान घाटी में चीनी सेना ने विश्वासघात करते हुए पेट्रोलिंग पर गई भारतीय सेना पर हमला कर दिया। भारतीय सेना ने इस हमले का मुंहतोड़ जवाब दिया। इस हमले में भारत के 20 जवानों ने बलिदान दिया। चीन के भी कई जवान मारे गए, उसने इस बात को स्वीकार किया, लेकिन मारे गए जवानों की संख्या बताने में चीन चुप्पी साध गया।

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