India-Nepal Relation: न फेरे हुए न कन्यादान, लेकिन इस अनोखी शादी ने 15 मिनट के लिए अंतरराष्ट्रीय पुल को खुलवा दिया

नेपाल द्वारा कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा को अपने नक्शे में शामिल करने और चीन से निकटता के बाद भले ही भारत और नेपाल के राजनीतिक संबंधों में खटास आई हो। लेकिन दोनों देशों के रोटी-बेटी के रिश्ते आज भी बने हुए हैं। इस बात की गवाह बनी नेपाल के दार्चुला में हुई एक शादी। जो भारत के दूल्हे और नेपाल की दुल्हन के बीच हुई। बता दें कि इसके लिए दार्चुला के अंतरराष्ट्रीय पुल को सिर्फ 15 मिनट के लिए खोला गया।
दुल्हा अकेला गया नेपाल
जाजरदेवल निवासी दूल्हे कमलेश चंद की शादी नेपाल के दार्चुला में तय हुई थी। दूल्हे ने इसके लिए भारत और नेपाल प्रशासन से पुल खोलने का अनुरोध किया। इसके बाद नेपाल और भारत की तरफ ने दार्चुला का अंतरराष्ट्रीय पुल कुछ देर के लिए खोल दिया गया।
पुल खुलने के बाद दूल्हा अकेले ही नेपाल गया और शादी की रस्मों को पूरा कर दुल्हन के साथ भारत लौट आया। शादी के बाद भारत लौटने पर दूल्हे और दुल्हन ने दोनों देशों के प्रशासन का आभार जताया।
शादी में न तो फेरे हुए न कन्यादान
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ के कमलेश और नेपाल के दार्चुला की रहने वाली राधिका की शादी 22 मार्च को होनी थी। लेकिन कोरोना वायरस की वजह से यह शादी नहीं हो सकी। लॉकडाउन के बाद दोनों परिवार वालों ने बाद में शादी कराने का फैसला लिया। लेकिन फिर दोनों देशों के बीच सीमा को लेकर राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया, जिसके कारण शादी धूम-धाम से नहीं हो सकी।
इस शादी में न तो फेरे हुए और न ही कन्यादान। सिर्फ दूल्हा-दुल्हन ने एक दूसरे को वर माला पहनाई। मंदिर में ही दूल्हे ने दुल्हन की मांग भरी और दोनों की शादी हो गई। दूल्हा, दुल्हन को लेकर उत्तरखांड के पिथौरागढ़ आ गया। इस दौरान भारत और नेपाल के जवानों ने कपल को शुभकामनाएं दीं।
अनोखी शादी को मिला प्रशासन का सहयोग
इस अनोखी शादी को इंडो नेपाल बॉर्डर पर प्रशासन का सहयोग मिला। शादी की रस्में महज 15 मिनट के अंदर एक मंदिर में निपटाई गईं। युवक के पिता और 2 अन्य रिश्तेदारों को दुल्हन लाने की इजाजत दे दी गई। इस शादी से दूल्हा, दुल्हन और दोनों के परिवार वाले बेहद खुश हैं
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