Sri Lanka Crisis: श्रीलंका से गोटबाया राजपक्षे के भागने पर उच्चायुक्त बागले ने दिया बयान, बोले- इससे भारत का कोई लेना-देना नहीं

श्रीलंका (Sri Lanka) में भारत के उच्चायुक्त गोपाल बागले ( Indian High Commissioner Gopal Baglay) ने पूर्व राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajapaksa) और उनके भाई बेसिल राजपक्षे को देश से फरार होने के मामले में बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि तत्कालीन राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्ष ने जो फैसला लिया, वो उनका फैसला था। उन्होंने उन अफवाहों को सिरे से खारिज कर दिया, जिसमें गोटबाया के फरार होने में भारत (India) की ओर से मदद का आरोप लगाया जा रहा था।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक श्रीलंका में भारत के उच्चायुक्त गोपाल बागले ने कहा कि इस बात में कोई सत्य नहीं है। श्रीलंका के तत्कालीन राष्ट्रपति ने जो फैसला लिया, वो उनका अपना फैसला था। इसका हमसे किसी भी तरह का कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि श्रीलंका हमारा सबसे निकटतम समुद्री मित्र है। श्रीलंका के लोगों को जब भी मदद की जरूरत पड़ी तो पड़ोसी देश होने के नाते भारत ने हमेशा उनकी मदद की।
उन्होंने कहा कि श्रीलंका को जब भी मदद की जरूरत पड़ी तो किसी देश ने उतनी मदद नहीं की, जितनी भारत ने की। भारत ने हमेशा तत्परता से श्रीलंका की मदद की। उन्होंने फिर से उन अफवाहों को खारिज किया, जिसमें गोटबाया के फरार होने के पीछे भारत की भूमिका बताई जा रही थी।
बता दें कि भारतीय उच्चायोग ने बुधवार को भी ट्वीट करके इस पर स्थिति स्पष्ट की थी। ट्वीट में लिखा, 'उच्चायोग स्पष्ट रूप से निराधार और काल्पनिक मीडिया रिपोर्टों का खंडन करता है कि भारत ने श्रीलंका से गोटबाया राजपक्षे और बेसिल राजपक्षे की हालिया रिपोर्ट की गई यात्रा को आसान बनाया। यह दोहराया जाता है कि भारत श्रीलंका के लोगों का समर्थन करना जारी रखेगा क्योंकि वे लोकतांत्रिक साधनों और मूल्यों, स्थापित लोकतांत्रिक संस्थानों और संवैधानिक ढांचे के माध्यम से समृद्धि और प्रगति के लिए अपनी आकांक्षाओं को साकार करना चाहते हैं।
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