इस देश में भारतीय टैक्सी ड्राइवर की खुली किस्मत, एक झटके में बन गया 40 करोड़ रुपये का मालिक

एक कहावत आप ने सुनी होगी कि जब ऊपर वाला देता है तो छप्पर फाड़ कर देता है। यह कहावत भारतीय के रहने वाले (Taxi Driver) टैक्सी ड्राइवर रंजीत सोमराजन पर एक दम सटीक बैठती है। इसकी वजह रंजीत सोमराजन का रातों रात करोड़पति बन जाना है। जी हां दुबई में टैक्सी चलाने वाले भारतीय रंजीत सोमराजन की 40 करोड़ रुपये की लॉटरी (Lottery) लगी है। जैसे ही उन्हें यह पता चला तो रंजीत को इस बात पर विश्वास नहीं हुआ, लेकिन लॉटरी प्राइज पत्र हाथ में आने पर उनकी खुशी का ठिकाना न रहा।
खबरों के अनुसार, रंजीत सोमराजन मूलरूप से केरल के कोल्लम जिले के रहने वाले हैं। वह 2008 में अपना घर छोड़कर दुबई काम की तलाश में चले गये थे। यहां रंजीत टैक्सी चलाकर अपनी जीवन यापन कर रहे थे। धीरे धीरे उनकी गाड़ी पटरी पर आ रही थी। इसबीच ही रंजीत को शनिवार को जानकारी मिली कि उनकी 40 करोड़ रुपये की लॉटरी निकल गई है। यह सुनकर विश्वास नहीं हुआ। कई बार लोगों के बताने और उसका सबूत देने पर रंजीत को विश्वास हुआ और खुशी जाहिर की।
लॉटरी में निकला पहला इनाम
रंजीत सोमराजन को लॉटरी टिकट में पहला इनाम मिला है। अबू धाबी बिग टिकट ड्रॉ में निकले लॉटरी टिकट में उन्हें 20 मिलियन दिरहम यानि भारतीय रुपये में करीब 40 करोड़ रुपये का इनाम मिला। सोमराजन एक या दो नहीं बल्कि पिछले 3 सालों से जैकपॉट टिकट खरीद रहे थे। उन्होंने सोचा था कि ऊपर वाले ने उन पर दया दिखाई तो दूसरा या तीसरा प्राइज निकल सकता है। एक अंग्रेजी अखबार को उन्होंने बताया कि मुझे लॉटरी में दूसरे या तीसरे इनाम की उम्मीद थी, लेकिन ऊपर वाले किस्मत ही पलट दी। रंजीत सोमराजन के हाथ में एक ही झटके में जैकपॉट लग गया।
मस्जिद में की दुआ, खुशी से चिल्ला उठा बेटा
जिस समय रंजीत सोमराजन को लॉटरी में पहला इनाम जैकपॉट हाथ लगा। उस समय वह अपनी पत्नी और बच्चों के साथ सब्जी मंडी में सामान खरीद रहे थे। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने बताया कि मैं आगे बढ़ा तो सब्जी मंडी के रास्ते में मस्जिद देखी। इसबीच ही लॉटरी में दूसरे और तीसरे नंबर के इनाम विजेताओं का नाम घोषित हुआ। इस पर रंजीत मस्जिद में गया और कहा कि खुदा मैं फिर से चूक गया। उनका कहना है कि मेरा मन नहीं माना और मैं फिर से मस्जिद से बाहर निकलकर अंदर चला गया। इसी पर मुझे पता लगा कि लॉटरी में जैकपॉट लग गया। यहां मुझे विश्वास नहीं हुआ। वहीं बच्चों का इसका पता लगते ही बेटा खुशी से चिल्ला उठा। सभी ने मुझे विश्वास दिलाया और मैंने ऊपर वाले का शुक्रिया किया।
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