आधी दुनिया में भारतीय वैक्सीन का बजा डंका, 92 देशों ने पीएम मोदी से किया दवाई भेजने का अनुरोध

आधी दुनिया में भारतीय वैक्सीन का बजा डंका, 92 देशों ने पीएम मोदी से किया दवाई भेजने का अनुरोध
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भारत ने पड़ोसी देश बांग्लादेश और नेपाल को कोरोना वायरस से बचाव के लिए वैक्सीन की 20 लाख और 10 लाख खुराकें भेजीं। कोरोना महामारी से निपटने के लिए दोनों मित्र देशों को वैक्सीन की ये खुराकें मुफ्त दी गई हैं।

भारत में कोरोना टीकाकरण अभियान जारी है। इस अभियान के तहत कोविशील्ड और कोवैक्सीन लगाई जा रही है। फिलहाल प्रथम चरण में कोरोना योद्धओं को वैक्सीन दी जा रही है। भारत में कोरोना टीकाकरण अभियान शुरू होने के बाद से अभी तक इसका साइड इफेक्ट बेहद कम देखा गया है। इस वैक्सीन का निर्माण भारत बायोटेक ने आइसीएमआर के साथ मिलकर किया है। जिसको देखते हुये पूरी दुनिया में भारत की कोरोना वैक्सीन की मांग बढ़ गई है। अब तक 92 देशों ने मेड इन इंडिया वैक्सीन के लिए भारत से संपर्क किया है। भारत की इस सफलता से पूरी दुनिया में कद और बढ़ेगा साथ ही विश्व गुरु बनने का सपना भी पूरा होगा।

दुनिया के अलग-अलग नेताओं ने पीएम से किया अनुरोध

डोमिनिकन रिपब्लिक के प्रधानमंत्री रूजवेल्ट स्केरिट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कोरोना वैक्सीन भेजने का अनुरोध किया है। उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि पूरी विनम्रता के साथ मैं आपसे वैक्सीन भेजने का अनुरोध करता हूं, ताकि हम अपने लोगों को महामारी से सुरक्षित कर सकें। वहीं राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर वैक्सीन भेजने का अनुरोध कर चुके हैं। ब्राजील ने वैक्सीन लाने के लिए भारत में विशेष विमान भेजा है। उधर, बोलीविया की सरकार ने 50 लाख डोज कोरोना वैक्सीन के लिए सीरम इंस्टीट्यूट के साथ करार किया है।

भारत पहले पड़ोसी देशों की करेगा मदद

भारत सरकार सद्भावना के तौर पर नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार समेत कई पड़ोसी देशों को वैक्सीन भेज भी रही है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट कर कहा कि भारतीय वैक्सीन नेपाल को सबसे पहले मिली है। हम पड़ोसियों की मदद सबसे पहले कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश के साथ वैक्सीन मैत्री को सर्वोच्च प्राथमिकता बताया। भारत ने घोषणा की थी कि वह अपने पड़ोसी देशों भूटान, मालदीव, बांग्लादेश, नेपाल, म्यांमार और सेशेल्स को बहुत जल्द वैक्सीन की आपूर्ति करेगा। जबकि श्रीलंका, अफगानिस्तान और मॉरीशस में वैक्सीन की आपूर्ति तब की जाएगी जब वहां की नियामक संस्थाएं भारतीय वैक्सीन को स्वीकृति प्रदान कर देंगी।

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