Kartarpur Corridor : पाकिस्तान में इमरान सरकार का बड़ा फैसला, करतारपुर गुरुद्वारे के रख रखाव के काम से सिखों को हटाया, भारत ले सकता है एक्शन

Kartarpur Corridor : पाकिस्तान में इमरान सरकार का बड़ा फैसला, करतारपुर गुरुद्वारे के रख रखाव के काम से सिखों को हटाया, भारत ले सकता है एक्शन
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पाकिस्तान सरकार ने पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंध समिति से करतारपुर गुरुद्वारे के रखरखाव के कामकाज से हटा दिया है।

पाकिस्तान की इमरान सरकार ने करतारपुर गुरुद्वारे को लेकर एक नया फैसला किया है। पाकिस्तान सरकार ने पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंध समिति से करतारपुर गुरुद्वारे के रखरखाव के कामकाज से दूर कर दिया है। अब इस गुरुद्वारे के रखरखाव के लिए एक नए संस्थान को जिम्मेदारी दी गई है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मिली जानकारी बताती है कि करतारपुर गुरुद्वारे में जिस इस संस्थान को यह जिम्मेदारी दी गई है। उसमें एक भी सिख सदस्य नहीं है। अब गुरुद्वारे के रखरखाव की जिम्मेदारी प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट को दी गई है और वही अब करतारपुर गुरुद्वारे के रखरखाव का कामकाज करेगी।

ऐसे में एक बड़ा सवाल उठता है कि आखिर पाकिस्तान की इमरान सरकार ने यह बड़ा फैसला क्यों लिया है। जबकि इस संस्थान में एक भी सिख सदस्य नहीं है। ऐसे में करतारपुर कॉरिडोर में भारत और पाकिस्तान के बीच आने जाने वाले सिख को लेकर इस गुरुद्वारे में खास प्रबंध अब ये संस्थान करेगी। जिसको लेकर भारत कई सवाल खड़े कर सकता है।

जानकारी के लिए बता दें कि करतारपुर गुरुद्वारे में जिस यूनिट को यह जिम्मेदारी दी गई है। उसमें 9 सदस्य हैं। जो इटीपीबी से संबंध हैं। इटीपीबी पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई कंट्रोल करती है। अब ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर पाकिस्तान सरकार ने इतना बड़ा फैसला क्यों लिया है। आखिर उसकी क्या नई चाल है। वहीं दूसरी तरफ भारत उसके इस फैसले पर आपत्ति जता सकता है और इसे बदलने का आग्रह भी कर सकता है। अभी तक भारत की तरफ से कोई बयान जारी नहीं किया गया है।

क्या है करतारपुर कॉरिडोर

पाकिस्तान के करतारपुर में बने गुरुद्वारे में सिखों के सबसे पहले गुरु गुरुनानक देव जी का निवास स्थान बताया जाता है। यह सिक्कों के सब पवित्र स्थलों में से एक है। इस के दर्शन करने के लिए सभी सिख जाते हैं। अभी तक भारत के बॉर्डर पर खड़े होकर दूरबीन के जरिए इस तीर्थ स्थल के दर्शन किए जाते थे। लेकिन अब करतारपुर कॉरिडोर बनने के बाद जल्द ही भारत के सिख इस गुरुद्वारे के दर्शन कर सकेंगे। गुरुनानक देव ने अपनी अंतिम सांसें ली थीं।

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