केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने वैश्विक खाद्य असुरक्षा पर जताई चिंता, बोले- भारत ने मदद के लिए उठाए ये कदम

केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने वैश्विक खाद्य असुरक्षा पर जताई चिंता, बोले- भारत ने मदद के लिए उठाए ये कदम
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न्यूयार्क में आयोजित 'वैश्विक खाद्य सुरक्षा-कॉल टू एक्शन' पर उच्च स्तरीय मंत्रिस्तरीय बैठक की अध्यक्षता अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने की।

ग्लोबल फूड सिक्योरिटी कॉल टू एक्शन मंत्रिस्तरीय बैठक (Global Food Security Call to Action Ministerial Meeting) में केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन (Union Minister of State for External Affairs V Muraleedharan) ने वैश्विक खाद्य (global food) असुरक्षा पर जताई चिंता है और भारत के द्वारा मदद के लिए उठाए गए कदम को बताया है। न्यूयार्क में आयोजित 'वैश्विक खाद्य सुरक्षा-कॉल टू एक्शन' पर उच्च स्तरीय मंत्रिस्तरीय बैठक की अध्यक्षता अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने की।

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने कहा कि यूक्रेन संघर्ष (Ukraine conflict) से उत्पन्न होने वाली खाद्य सुरक्षा चुनौतियों के लिए हमें रचनात्मक रूप से प्रतिक्रिया देने की आवश्यकता है। यह स्पष्ट है कि संघर्ष का एक प्रारंभिक राजनयिक समाधान सर्वोपरि है। कई छोटे देशों को आज बढ़ती लागत और खाद्यान्न की कठिनाई की दोहरी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। यहां तक कि भारत जैसे देशों के पास भी, जिनके पास पर्याप्त स्टॉक है, खाद्य कीमतों में अनुचित वृद्धि देखनी पड़ रही है। इससे स्पष्ट है कि जमाखोरी की समस्या है।

अपनी समग्र खाद्य सुरक्षा और सहायता, पड़ोसी और अन्य कमज़ोर विकासशील देशों की जरूरतों के प्रबंधन करने के लिए, हमने 13 मई 2022 को गेहूं निर्यात के संबंध में कुछ उपायों की घोषणा की है। ये उपाय उन देशों को अनुमोदन के आधार पर निर्यात की अनुमति देते हैं जिन्हें अपनी खाद्य सुरक्षा मांगों को पूरा करने की आवश्यकता है। यह संबंधित सरकारों के अनुरोध पर किया जाएगा।

केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ने आगे कहा कि अफगानिस्तान में बिगड़ती मानवीय स्थिति को देखते हुए भारत ने अफगानिस्तान के लोगों को 50 हजार मीट्रिक टन गेहूं दिया है। भारत ने म्यांमार के लिए भी अपना मानवीय समर्थन जारी रखा है, जिसमें 10 हजार टन चावल और गेहूं का अनुदान शामिल है। हम इस कठिन समय में श्रीलंका को भी खाद्य सहायता उपलब्ध करा रहे हैं। 'वसुधैव कुटुम्बकम', जिसका अर्थ दुनिया एक परिवार है, की हमारी लोकनीति को ध्यान में रखते हुए और हमारी नेबरहुड फर्स्ट नीति के तहत हम अपने पड़ोसियों की जरूरत के समय में उनकी सहायता करना जारी रखेंगे।

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