मेहुल चोकसी का दावा- 10 लोगों ने मुझे बेरहमी से पीटा, अपहरण में बताया गर्लफ्रेंड का हाथ!

भगोड़ा हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी ने सोमवार को एंटीगुआन पुलिस को अपनी शिकायत में कहा है कि जब मुझे पीटा जा रहा था, तो बारबरा जबरिका ने बाहर से मदद के लिए किसी को नहीं बुलाया और उसने किसी अन्य तरीके से सहायता करने की कोशिश भी नहीं कि। जिस तरह से बारबरा जबरिका ने खुद को संचालित किया, वह स्पष्ट रूप से इंगित करता है कि वो मेरे अपहरण की इस पूरी योजना का एक अभिन्न अंग थी।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, मेहुल चोकसी ने अपनी शिकायत में यह भी कहा कि बीते एक साल से मैं बारबरा जबेरिका के साथ मैत्रीपूर्ण शर्तों पर रहा हूं। 23 मई को बारबरा जबेरिका ने मुझे अपने घर पर आने को कहा, जब मैं वहां गया तो सभी एंट्री गेटों से से 8-10 लोग आए और मुझे बहुत पीटा। हीरा कारोबारी ने एंटीगुआन पुलिस से दावा किया कि 8 से 10 लोगों ने मुझे बेरहमी से पीटा। मैं मुश्किल से होश में आया था। उन्होंने मेरा फोन, घड़ी और पर्स ले लिया। उन्होंने मुझसे कहा कि वे मुझे लूटना नहीं चाहते और मेरे पैसे लौटा दिए।
8-10 men who claimed to be from Antiguan Police beat me mercilessly. I was barely conscious. They took my phone, watch and wallet. They told me that they didn't want to rob me & returned my money: Fugitive diamantaire Mehul Choksi in his complaint to Antiguan Police(file pic) pic.twitter.com/vg2qoGWz3m— ANI (@ANI) June 7, 2021
मेहुल चोकसी डोमिनिका की जेल में है
जानकारी के लिए आपको बता दें कि वर्तमान समय में हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी डोमिनिका की जेल में है। रविवार को मेहुल चोकसी ने भारत से अन्य देश जानें की वजह भी बताई थी। मेहुल चोकसी ने अपना इंटरव्यू लेने के लिए भारतीय अधिकारियों को न्योता दिया। साथ ही दावा किया था कि उसने भारत को सिर्फ इलाज के मकसद से छोड़ा था। वह कानून का पालन करने वाला नागरिक है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, डोमिनिका हाईकोर्ट में दायर एक हलफनामे में मेहुल ने यह कहा था कि मैंने भारतीय अधिकारियों को मेरा इंटरव्यू लेने और मेरे खिलाफ की जा रही किसी भी जांच के संबंध में मुझसे कोई भी सवाल करने का निमंत्रण दिया है। एक अंग्रेजी समाचार में प्रकाशित खबर के अनुसार, मेहुल चोकसी ने कहा है कि मैं भारत के कानून से बचकर नहीं भागा। जब मैं इलाज के लिए भारत छोड़कर अमेरिका गया था, उस समय भारत की कानूनी एजेंसियों द्वारा मेरे खिलाफ कोई वारंट जारी नहीं था।
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