म्यांमार की एक अदालत ने 'आंग सान सू की' को 4 वर्ष की सजा सुनाई, जानें क्या है मामला

म्यांमार (myanmar) की एक अदालत ने समोवार को नोबेल पुरस्कार विजेता और लोकतंत्र समर्थक नेता आंग सान सू की (aung san suu kyi) को चार साल की सजा सुनाई है। अलालत ने आंग सान सू की को सेना के खिलाफ असंतोष भड़काने के अलावा कोरोना वायरस (महामारी) के नियम तोड़ने का दोषी माना गया है। जिसके चलते कोर्ट ने उन्हें चार वर्ष की सजा सुनाई है।
सैन्य सरकार के प्रवक्ता जॉ मिन तुन ने ने कहा कि 'आंग सान सू की' को धारा 505 (B) के तहत 2 वर्ष की कैद और प्राकृतिक आपदा कानून के तहत 2 साल की कैद की सजा सुनाई गई है। इस तरह से उन्हें 4 साल कैद की सजा सुनाई गई है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 76 वर्षीय सू की तभी से हाउस अरेस्ट हैं जब सेना ने 1 फरवरी को देश में तख्तापलट कर दिया था। इसके बाद एक वर्ष का आपातकाल लगाया गया और लोगों की चुनी हुई सरकार को गिरा दिया गया। सैन्य तख्तापलट के साथ ही देश में लोकतंत्र का अंत हो गया।
जानकारी के लिए आपको बता दें कि आंग सान सू की ने कहा कि साल 2023 में इमरजेंसी को समाप्त कर दिया जाएगा और देश में आम चुनाव कराए जाएंगे। सैन्य तख्तापलट के बाद म्यांमार में हुए खूनी संघर्ष में करीब 940 लोग की जान गई थी।
म्यामांर में नवंबर 2020 में आम चुनाव हुए थे। इसमें सू की पार्टी ने दोनों सदनों में 396 सीटें जीती थीं। उनकी पार्टी ने लोअर हाउस की 330 में से 258 और अपर हाउस की 168 में से 138 सीटें जीतीं थी।
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