'हाउडी मोदी' कार्यक्रम से सुर्खियों में आए 'स्पर्श' की कहानी उनकी ही जुबानी, शरीर में हैं 130 फ्रैक्चर

अमेरिका में टेक्सास के ह्यूस्टन में आयोजित पीएम मोदी के कार्यक्रम 'हाउडी मोदी' में व्हीलचेयर पर राष्ट्रगान गाने वाले स्पर्श जन्म से ऑस्टो-जेनेसिस की बीमारी से जूझ रहे हैं। डॉक्टरों ने कहा था कि स्पर्श दो दिन से ज्यादा नहीं जी पाएगा। लेकिन आज स्पर्श अच्छा गाता भी है और अच्छी स्पीच भी देता है।
दो दिन से ज्यदा नहीं जी पाएगा 'स्पर्श'
ऑस्टो-जेनेसिस एक ऐसी बिमारी है जिससे हड्डियां इतनी कमजोरी हो जाती है कि हल्के से दवाब से ही टूट जाती हैं। खबरों के मुताबिक जब स्पर्श का जन्म हुआ था उस समय उनकी 45 हड्डियां टूटी हुई थी।
जो डॉक्टर्स स्पर्श का इलाज कर रहे थे उन्होंने परिवार से कहा था कि यह बच्चा दो दिन से अधिक जीवित नहीं रह सकता है। लेकन आज स्पर्श की उम्र 16 वर्ष हो गई है। अबतक उनके शरीर में 130 फ्रैक्चर हो चुके हैं और उनके शरीर में 8 लोगों की रॉड और 22 पेंच लग चुके हैं।
इलाज में हुए तीन करोड़ रुपए खर्च
स्पर्श ने एक अखबार को बताया कि जन्म के बाद वह छह महीने तक आईसीयू में रहे थे। जबकि अगले छह महीने तक नाक द्वारा खाना दिया गया था। पापा को मेरी देखभाल के लिए केपीएमजी की नौकरी छोड़नी पड़ी थी। इलाज में करीब तीन करोड़ रुपए खर्च हुए। पापा (हीरेन) को उधार की रकम अदा करने में चार साल लगे थे।
इस संघर्ष में मां ने भी साथ दिया। मां गुजरीता स्कूल से पढ़ी थी उन्हें तब अंग्रेजी नहीं आती थी। लेकिन मां जिगिशा शाह ने अंग्रेजी सिखी और आज विश्व की टॉप रेटिंग एजेंसियों में एक मूडीज में डायरेक्टर के तौर पर कार्य कर रही हैं।
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