नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली ने संसद भंग करने का फैसला किया, राष्ट्रपति से मिलने पहुंचे

नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली ने संसद भंग करने का फैसला किया, राष्ट्रपति से मिलने पहुंचे
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रिपोर्ट के मुकाबिक, नेपाल के संविधान में ही सदन को भंग करने का कोई प्रावधान नहीं है। ऐसे में अन्य राजनीतिक दल सरकार के इस फैसले को कोर्ट में भी चुनौती दे सकते हैं।

नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने कैबिनेट की मीटिंग बुलाकर नेपाल संसद भंग करने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इसके बाद राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी से मिलने शीतल निवास पहुंचे।

यहां पर प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति से संसद भंग करने की सिफारिश की है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अब नेपाल के राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी संसद भंग करने पर अंतिम फैसला लेंगे। पीएम केपी ओली ने आज सुबह करीब 10 बजे कैबिनेट की आपात बैठक बुलाई। इस बैठक में यह उम्मीद की जा रही थी कि अध्यादेश को बदलने की सिफारिश होगी। लेकिन मंत्रिमंडल ने संसद भंग करने की सिफारिश कर दी है।

रिपोर्ट के मुकाबिक, नेपाल के संविधान में ही सदन को भंग करने का कोई प्रावधान नहीं है। ऐसे में अन्य राजनीतिक दल सरकार के इस फैसले को कोर्ट में भी चुनौती दे सकते हैं। लेकिन अब देखना होगा कि क्या नेपाल के राष्ट्रपति ओली सरकार के इस असवैंधानिक सलाह पर किया फैसला सुनाते हैं।

प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की कैबिनेट में ऊर्जा मंत्री बरशमैन पुन ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि कैबिनेट की बैठक में संसद को भंग करने के लिए राष्ट्रपति को सिफारिश भेजने का निर्णय किया गया है।

जानकारी के लिए आपको बता दें कि नेपाल सरकार पर संवैधानिक परिषद अधिनियम से संबंधित एक अध्यादेश को वापस लेने का दबाव था। मंगलवार को जारी इस अध्यादेश को राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने भी मंजूरी दे दी थी।

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