नेपाल PM ने ली 5000 लोगों की मौत की जिम्मेदारी, सुप्रीम कोर्ट में केस दर्ज, इस दिन होगी पेशी

नेपाल की सरकार बने अभी कुछ ही समय हुआ है कि प्रधानमंत्री के सामने बड़ी मुसीबत आ गई है। प्रधानमंत्री पुष्पकमल दाहाल के सामने जहां एक ओर सरकार बचाने की चुनौती बरकरार है वहीं दूसरी ओर उनके खिलाफ सामूहिक नरसंहार का मुकदमा दर्ज हो गया है। नेपाल की सुप्रीम कोर्ट में माओवादी पीड़ित पक्ष की ओर से कुछ वकीलों ने प्रधानमंत्री के खिलाफ मुकदमा दायर किया है।
पीएम दाहाल के खिलाफ मुकदमा दायर होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 9 मार्च के लिए सुनवाई की तारीख तय की है। नेपाल के प्रधानमंत्री प्रचंड के खिलाफ दो अलग-अलग रिट दायर की गई हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 9 मार्च को सुबह 10 बजे पेश होने के लिए प्रधानमंत्री को समन भी जारी किया है।
प्रधानमंत्री के खिलाफ एक याचिका सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता कल्याण बुढाथोकी, सुवास गिरी समेत 8 वकीलों ने दर्ज की है और दूसरी याचिका सुप्रीम कोर्ट के ही अधिवक्ता ज्ञानेंद्र राज अरन समेत 14 लोगों ने दायर की है। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई करने की तिथि भी तय कर दी है। याचिकाकर्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री पुष्पकमल दाहाल ने खुद ही पांच हजार लोगों की हत्या की जिम्मेदारी स्वीकार की थी। इसलिए उनके खिलाफ यह मामला दर्ज किया गया है।
बता दें कि तीन साल पहले 15 जनवरी, 2020 को काठमांडू में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री पुष्पकमल दाहाल ने माओवादियों द्वारा चलाए गए सशस्त्र विद्रोह में मारे गए 17 हजार लोगों में से 5000 नागरिकों की हत्या की जिम्मेदारी लेने की बात कही थी। इसको लेकर ही सुप्रीम कोर्ट में उनके खिलाफ याचिका दायर की है।
पीएम ने कहा था कि सशस्त्र विद्रोह में 17 हजार लोगों की हत्या का आरोप उन पर लगाया जाता है जो झूठ है। उन्होंने कहा था कि 12 हजार नागरिकों की मौत सरकारी एजेंसी द्वारा करवाई गई थी, लेकिन उसका दोष भी मुझ पर ही लगाया जाता है। उन्होंने कहा कि सिर्फ 5,000 हत्याओं की जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार हैं। पीएम ने आगे कहा थी कि इससे वह पीछे नहीं हटेंगे और न ही जिम्मेदारी से भागेंगे।
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