अमेरिका में नर्स का दावा, वेंटिलेटर पर मरीजों को जबरन मारा जा रहा

वेंटिलेटर को कोरोना मरीजों के इलाज के लिए बेहद जरूरी मेडिकल इक्विपमेंट बताया गया है। लेकिन कुछ डॉक्टरों का मानना है कि वेंटिलेटर कुछ स्थिति में मरीजों को नुकसान भी पहुंचा सकता है। वहीं अब न्यूयॉर्क में कोरोना वायरस मरीजों का इलाज कर रहीं एक नर्स ने दावा किया है कि मरीजों को वेंटिलेटर पर डालकर 'मारा जा रहा है।' डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना मरीजों के इलाज के लिए नर्स अस्थाई तौर पर न्यूयॉर्क आ गई थीं।
उन्होंने अपनी एक सहयोगी नर्स (जो कोरोना मरीजों के इलाज में शामिल नहीं है) को बताया कि यह सबकुछ डरावनी फिल्मों की तरह है। लोग बीमारी से नहीं मर रहे हैं, बल्कि जिस तरह इसे हैंडल किया जा रहा, वह खतरनाक है। बता दें कि अमेरिका ऐसा देश है जहां कोरोना से सबसे अधिक मौतें हुई हैं। नर्स ने कहा कि बीमार पड़ रहे लोगों के रिश्तेदारों को यह साफ कर देना चाहिए कि मरीज को हॉस्पिटल लाए जाने के तुरंत बाद वेंटिलेटर पर नहीं रखा जाए।
नर्स की दोस्त ने वीडियो शेयर किया
नर्स की दोस्त सारा एनपी ने यूट्यूब पर वीडियो शेयर किया है। वीडियो में सारा ने कहा है कि वे कोरोना मरीजों का इलाज कर रहीं नर्स की ओर से बात रख रही हैं। उन्होंने बताया, हॉस्पिटल में काफी लापरवाही हो रही है। वे लोग मदद नहीं कर रहे हैं, बल्कि मार रहे हैं।
हालांकि, सारा ने कहा कि वह उस हॉस्पिटल के नाम का खुलासा नहीं करेंगी ताकि वहां काम कर रहे 'लोगों की सुरक्षा को खतरा ना हो। सिर्फ न्यूयॉर्क शहर में 12 हजार से अधिक लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है। वहीं, अमेरिकी सांसद स्कॉट जेनसन ने फॉक्स न्यूज से कहा है कि अगर किसी मरीज को वेंटिलेटर पर रखा जाता है तो नेशनल हेल्थ इंश्योरेंस प्रोग्राम की ओर से आम इलाज के मुकाबले हॉस्पिटल को तीन गुना पैसा दिया जाता है। रिपब्लिकन सांसद जेनसन ने यह भी कहा है कि कोई कैसे इस बात पर भरोसा ना करे कि कोरोना मरीजों की अधिक मौतों से राज्य को केंद्र से अधिक पैसे लेने के मौके मिल रहे हैं।
वेंटिलेटर पर रखे 80 फीसदी लोगो की हो जाती है मौत
न्यूयॉर्क के गवर्नर एंड्रयू कुओमो ने कहा था कि वेंटिलेटर पर रखे गए 80 फीसदी लोगों की मौत हो जाती है। हालांकि, वे ऐसे मरीजों का उल्लेख कर रहे थे जिनकी स्थिति पहले ही काफी खराब हो चुकी थी। हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब वेंटिलेटर के प्रभावी होने पर सवाल उठ रहे हैं। न्यूयॉर्क के एक अस्पताल में इमरजेंसी में काम करने वाले डॉक्टर कैमरन किले सिडेल ने इसी महीने वीडियो जारी कर कहा था, मैंने देशभर के डॉक्टरों से बात की है और यह बात काफी साफ हो रही है कि हम लोग जो प्रेशर (वेंटिलेटर के जरिए) दे रहे हैं कि उससे मरीजों के फेफड़ों को नुकसान हो सकता है।
डॉक्टर कैमरन बोले-यह हमारी गलती नहीं
डॉक्टर कैमरन किले सिडेल ने कहा- यह हमारी गलती नहीं है। हम नहीं जानते। हम लोग वेंटिलेटर को गलत तरीके से चला रहे हैं। कोरोना मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत होती है, प्रेशर की नहीं। उन्हें वेंटिलेटर चाहिए, लेकिन उसकी प्रोग्रामिंग अलग तरीके से सेट होनी चाहिए। डॉक्टर कैमरन किले सिडेल ने 6 अप्रैल को मिडस्केप वेबसाइट को बताया था कि उन्होंने आईसीयू में काम नहीं करने का फैसला किया है। वे हॉस्पिटल के बनाए वेंटिलेटर प्रोटोकॉल का पालन नहीं करना चाहते। उन्होंने नियमों में बदलाव की मांग की थी।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS