Oman Earthquake: तुर्की के बाद भूकंप से हिली ओमान की धरती, तीव्रता 4.1 मापी गई, जानें भारत कितना सुरक्षित

Oman Earthquake: तुर्की के बाद भूकंप से हिली ओमान की धरती, तीव्रता 4.1 मापी गई, जानें भारत कितना सुरक्षित
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तुर्की और सीरिया के बाद ओमान में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। इससे लोगों में डर का माहौल बना हुआ है। पढ़ें भूकंप से कितना नुकसान...

Oman Earthquake: तुर्की और सीरिया के बाद अब भूकंप ने ओमान में दस्तक दे दी है। आज रविवार सुबह 7:55 बजे ओमान के बंदरगाह शहर डुक्म के पास 4.1 तीव्रता का भूकंप आया है। यहां लोगों ने एक के बाद एक कई झटके महसूस किए हैं। इससे लोगों में डर का माहौल बन गया है। ओमान में भूकंप की जानकारी सुल्तान कबूस विश्वविद्यालय निगरानी केंद्र ने दी है।

केंद्र ने ट्वीट करते हुए कहा कि 4.1 तीव्रता वाला भूकंप डुक्म के करीब आया है, जो अरब सागर पर पड़ता है। EMC ने मामले में कहा कि क्षेत्र में झटकों की तीव्रता हल्की थी। इसके कारण से अभी तक किसी भी प्रकार के नुकसान की खबर नहीं मिली है, लेकिन फिर भी लोगों को सतर्क कर दिया गया है। तुर्की और सीरिया में भूकंप ने जिस कदर हजारों लोगों की जिंदगी ली है, इससे कोई भी देश भूकंप के नाम से दहल सकता है।

तुर्की में भूकंप से मरने वालों का आंकड़ा 46 हजार के पार

तुर्की और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप में लोगों के मौत का आंकड़ा थमने का नाम नहीं ले रहा है। यहां 6 फरवरी को 7.8 की तीव्रता वाले भूकंप ने जबरदस्त तबाही मचाई है। भूकंप से मरने वालों की संख्या 46 हजार के पार चली गई है। वहीं, इस भूकंप से तुर्की में लगभग 3,45,000 अपार्टमेंट नष्ट हो चुके हैं। सैकड़ों लोग लापता हो गए हैं। जबकि पड़ोसी देश सीरिया में भी इस भीषण भूकंप से 5,800 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।

भारत में भूकंपीय जोन के अंतर्गत आने वाले तमाम क्षेत्र

भारत में ऐसे कई सारे क्षेत्रे हैं जो भूकंपीय जोन के अंतर्गत आते हैं। इसके लिए भारत को भूकंप के मद्देनजर 4 जोनों में बांटा गया है। जिसमें जोन-2, जोन-3, जोन-4 और जोन-5 आता है। इसमें से सबसे ज्यादा खतरा जोन-5 के क्षेत्रों में होता है, जबकि जोन-2 के क्षेत्रों में सबसे कम खतरा होता है। इसलिए इन्हें सुरक्षित क्षेत्रों की श्रेणी में रखा जाता है।

जानिये किस जोन में कौन से क्षेत्र आते हैं

जोन-5 : यह सबसे खतरनाक जोन होता है। इस जोन के अंदर पूर्वोत्तर भारत के हिस्से को रखा गया है। इस हिस्से के अंदर जम्मू और कश्मीर के कुछ हिस्से, हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्से, लद्दाख के कुछ हिस्से, उत्तराखंड, गुजरात में कच्छ का रण, उत्तर बिहार के कुछ हिस्से के अलावा अंडमान और निकोबार द्वीप समूह को शामिल किया गया है।

जोन-4 : इस जोन में जम्मू-कश्मीर के बाकी हिस्से, लद्दाख, दिल्ली, सिक्किम, उत्तर प्रदेश के उत्तरी हिस्से, बिहार, पश्चिम बंगाल, गुजरात के कुछ हिस्से, महाराष्ट्र के छोटे-छोटे हिस्से के अलावा राजस्थान को इस जोन में शामिल किया गया है। जोन-5 के बाद इसी जोन में सबसे ज्यादा तबाही होती है।

जोन-3 : इस जोन के अंदर केरल, लक्षद्वीप द्वीप समूह, गोवा, उत्तर प्रदेश के शेष हिस्से, गुजरात, पंजाब के कुछ हिस्से, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, मध्य प्रदेश, झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, ओडिशा, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक को शामिल किया गया है। इन क्षेत्रों में औसत भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं।

जोन-2 : इस जोन में देश के बाकी बचे हुए राज्य शामिल है, जहां पर भूकंप का खतरा सबसे कम होता है।

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