धारा 370 से बौखलाए पाकिस्तान ने भारत के दूत को निष्कासित किया, सभी व्यापारिक रिश्ते तोड़े

धारा 370 से बौखलाए पाकिस्तान ने भारत के दूत को निष्कासित किया, सभी व्यापारिक रिश्ते तोड़े
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जम्मू कश्मीर से धारा 370 खत्म करने के बाद पाकिस्तान ने भारत से सभी व्यापारिक रिश्ते तोड़े लिए हैं।

जम्मू कश्मीर से धारा 370 और 35 A को खत्म करने के बाद बौखालाए पाकिस्तान ने भारत से सभी व्यापारिक रिश्ते तोड़े लिए हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक के बाद पाकिस्तन ने यह फैसला लिया है। पाकिस्तान भारत से अपने सभी राजदूतों को वापस बुलाएगा। पाकिस्तान के मंत्री फवाद चौधरी ने बुधवार को विदेश मंत्री से अनुरोध किया कि जब भारत को हमसे (पाकिस्तान) बातचीत करने में कोई दिलचस्पी नहीं है, तो उनके दूत अभी भी यहां क्यों हैं? उन्होंने आगे कहा कि हमें भारत के साथ राजनयिक संबंधों में कमी करनी चाहिए। उनके दूत के यहां होने और हमारे दूत के वहां होने का क्या फायदा है? समाचार एजेंसी एएनआई के हवाले से एएफपी के मुताबिक पाकिस्तान सरकार ने भारतीय दूत को निकाल (निष्कासित) किया। साथ ही कश्मीर से व्यापार को निलंबित कर दिया है।

पाकिस्तान द्वारा भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों में कमी करने पर भाजपा नेता आर माधव ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के पास इस मुद्दे पर कोई स्टैंड नहीं है। भारतीय संसद ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के बारे में निर्णय लिया था, और यह एक आंतरिक मामला है। किसी अन्य राष्ट्र के पास इसपर प्रतिक्रिया देना का स्टैंड नहीं है।

भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को कम करने और व्यापार को निलंबित करने के पाकिस्तान के फैसले पर पाकिस्तान में पूर्व भारतीय उच्चायुक्त टीसीए राघवन ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार दुर्भाग्य से कभी भी बड़ी मात्रा में नहीं रहा है। उनके द्वारा उठाए गए कदम उनके राजनीतिक निर्वाचन क्षेत्रों को दिखाते हैं कि वे इस मामले से निपट रहे हैं। किसी भी मामले में, राजनयिक संपर्क नहीं होना एक अच्छा विकास नहीं है।

धारा 370 हटने पर क्यों बौखलाया पाकिस्तान

सोमवार 5 अगस्त को बीजेपी सरकार ने जम्मू-कश्मीर पर ऐतिहासिक फैसला करते हुए राज्य को विशेष अधिकार देने वाले अनुच्छेद-370 को खत्म कर दिया। लेखक योगेश सिंह के मुताबिक इस फैसले पर पाकिस्तान बुरी तरह बौखला चुका है। वह ऐसा महसूस कर रहा है जैसे उसकी इज्जत पर हाथ डाल दिया हो। इससे पहले पाकिस्तान में इतनी बैचेनी शायद ही कभी देखी हो। इस ऐतिहासिक निर्णय के बाद पाकिस्तानी शेयर बाजार में भारी गिरावट दर्ज की गई। वहीं इमरान खान पक्ष-विपक्ष के साथ लगातार बैठक कर रहे हैं। पाक ने गीदड़ भभकी देते हुए कहा है कि भारत ने बहुत खतरनाक खेल खेला है। समूचे इलाके पर इसका भयानक असर हो सकता है व इसका अंजाम बुरा होगा।

दरअसल पाकिस्तानी व हमारे यहां के कुछ नेता मिलकर जम्मू-कश्मीर पर अपना इस कदर हक समझने लगे थे, जैसे यह राज्य सिर्फ इन लोगों की जागीर हो। मोदी सरकार के फैसले का पूरा देश समर्थन कर रहा है लेकिन गद्दारों की मंशा बेहद शातिराना है। दरअसल घाटी जितना अपनी खूबसूरती के लिए पहचानी जाती है उतनी ही उसकी संचालन प्रक्रिया दागी और डरावनी होने लगी थी। धारा 370 व अनुच्छेद 325 ए की आड़ लेकर यहां के सभी दल, आंतवादियों व पाकिस्तानियों ने इस राज्य को अपना गढ़ बना लिया था। जम्मू-कश्मीर को लेकर हर कोई कुंठित रहने लगा था। शायद लोगों यह लग रहा था कि अब इसका कोई हल नहीं निकलना चाहिए।

इस अनुच्छेद की कुछ बातें तो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण मानी जाती रही थी, खासतौर पर महिलाओं के लिए जैसे कि कोई कश्मीरी पुरुष किसी गैर कश्मीरी लड़की से शादी करता है तो वह अपनी संपत्ति अपने बच्चों को दे सकता है, लेकिन यदि कोई कश्मीरी लड़की गैर कश्मीरी लड़के से शादी करती है तो वह अपनी पैतृक संपत्ति पर अपना हक खो बैठती है। इस कानून को लेकर प्रारंभिकता से महिलाओं के मन मे कुंठा रही है। इसके अलावा विभाजन के समय करीब 5700 वाल्मीकि व गोरखा परिवार जम्मू कश्मीर आए थे जो दशको वहां रह तो रहे है, लेकिन आज भी उनकी पहचान रिफ्यूजी के रुप मे ही होती है।

क्योंकि वहां के कानून के तहत न तो वह लोग वहां वोट डाल सकते है और न ही सरकारी नौकरी पा सकते थे। अब उनको भी पुर्नजन्म जैसा एहसास होगा। यह हमारे देश के सविधान की अद्भूत विडंबना ही थी जो परिवार दशकों से वहां साफ-सफाई व वो अन्य काम कर रहे हैं जो कोई भी नहीं कर सकता बावजूद इसके वो मात्र अपनी पहचान से तक अंजान थे। आज डीजिटल इंडिया युग मे देश पूर्णत बदलने की कगार पर है जिसका सजीव उदाहरण मोदी सरकार के इस निर्णय से पूरा हो जाता है। आतंक का पर्यायवाची बन रही घाटी में रह रहे कुछ लोग अपने आप को हिन्दुस्तानी नहीं मानते थे।

अलगाववादी जैसे गद्दार नेता तो यह तक कहते थे कि यदि कश्मीरी लड़की से किसी पाकिस्तानी लड़के से शादी हो जाए तो उसको यहां के सारे अधिकार मिलने चाहिए, लेकिन हमारे ही देश के अन्य किसी राज्य के लड़के हो जाए तो खत्म हो ही जाते थे। ऐसे मामलो कई बार तमाम दलों ने एक साथ आवाज उठाई, लेकिन हल नही कर पाए। उनको भी यह पता था कि यह प्रक्रिया देश की आने वाली पीढ़ी के लिए खतरनाक थी। घाटी के नकारात्मक मिथा को तोड़ने का सही समय आ गया था। पहले की व अब की परिस्थितियों मे जमीन व आसमान का फर्क है। हम दुनिया में पहचाने जाने लगे।

बदलते परिवेश को समझते हुए कानूनी संचालन प्रक्रिया बदलने का सबसे सही समय आज है जिसका देश की जनता के लिए सरकार हर तरह का फायदा देखे। क्योंकि बहुत मुश्किल होता है कि कोई सरकार पूर्ण बहुमत से आए। अब बात पाकिस्तान की बौखलाहट की करें तो वो इसलिए परेशान हैं क्योंकि वो जम्मू-कश्मीर को अपने बाप की जागीर समझता है। वो यहां से अपने आतंकी अड्डे भी चलाता था। वो चाहे इस मामले के लिए कहीं भी भीख मांगे, लेकिन उसकी इज्जत इतनी खराब है कि उसको कोई गंभीरता से नहीं लेगा।

चूंकि वो कई झूठ बोलते पकड़ा गया है। आतंक का पर्यावाची बन चुका पाक अपने आतंक की दुकान को चलाने में असमर्थ व अहसाय महसूस कर रहा है। अब उसकी थोड़ी सी अर्थव्यवस्था केवल आतंकवादियों के दम पर ही चल रही है। कुछ लोग सोशल मीडिया पर गलतफहमी फैला रहे हैं। उनसे बचने की जरुरत है व धारा 370 हटने का फायदा देश के सभी धर्मों के लोगों को मिलेगा। अब, एक राष्ट्र, एक बात, एक झंडा और सब एक साथ। सभी देशवासियों को इस ऐतिहासिक निर्णय पर बधाई। हम एक हैं तो ही ताकत है।

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