Paksitan: इमरान की पार्टी से गठबंधन करेंगे बिलावल भुट्टो, नवाज शरीफ को रोकने की तैयारी

Paksitan General Elections: पाकिस्तान में आम चुनाव की तारीख का ऐलान हो गया है। 8 फरवरी 2024 को वोटिंग होगी। इससे पहले बिलावल भुट्टो की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) का एक अहम बयान सामने आया है। पीपीपी ने कहा है कि वह चुनाव से पहले अन्य पार्टियों के साथ गठबंधन कर सकती है। इसमें पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) भी शामिल है। इमरान अगस्त से जेल में हैं। उन्हें भ्रष्टाचार के एक मामले में दोषी ठहराया गया है।
इमरान और जरदारी कट्टर विरोधी
आसिफ अली जरदारी पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हैं। इमरान के कार्यकाल में कई विपक्षी नेताओं को जेल भेजा गया। इनमें आसिफ अली जरदारी भी शामिल हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पीपीपी और नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) के बीच गठबंधन हो सकता है। हालांकि, कुछ दिन पहले जब नवाज शरीफ लंदन से पाकिस्तान लौटे तो जरदारी की सोच बदल गई।
दरअसल, आसिफ अली जरदारी अपने बेटे बिलावल भुट्टो को पीएम बनाने की जद्दोजहद में जुटे हुए हैं, लेकिन नवाज की वापसी ने राजनीतिक पलड़ा पीएमएल-एन की ओर तरफ ज्यादा झुका दिया है। नवाज को सेना का भी साथ मिल रहा है। उन्हें भी कोर्ट से वही राहत मिल रही है जो पिछले साल जुलाई तक इमरान खान को मिल रही थी। इसलिए पाकिस्तान की राजनीति में बदलाव देखने को मिल रहा है।
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के वरिष्ठ नेता राणा फारूक सईद ने लाहौर में कहा कि हम अन्य पार्टियों के साथ चुनावी गठबंधन कर सकते हैं। इसमें पीटीआई भी शामिल है, क्योंकि हम नवाज की पार्टी पीएमएल-एन से मुकाबला करना चाहते हैं। आमतौर पर ऐसे महत्वपूर्ण राजनीतिक बयान आसिफ अली जरदारी या बिलावल भुट्टो की ओर से आते हैं। इस बार ये बयान जरदारी परिवार के बाहर से आया है और इसका समय भी काफी अहम है।
पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के चार साल बाद देश लौटने के बाद से जरदारी परिवार के एक भी सदस्य ने उनसे मुलाकात नहीं की है। इसके अलावा इस बयान के पीछे एक और वजह है। कुछ दिन पहले नवाज की पार्टी के नेता सैयद फजील ने कहा था कि उनकी पार्टी सिंध प्रांत में मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (MQM) के साथ एलायंस कर सकती है। इसे लेकर जरदारी परिवार में नाराजगी है। ऐसा इसलिए क्योंकि सिंध प्रांत इस परिवार और पीपीपी का गढ़ माना जाता है। बीस साल से ज्यादा का समय बीत चुका है, लेकिन सत्ता में एक ही पार्टी का राज है।
बिलावल भुट्टो और कश्मीर मुद्दा
मोदी सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 खत्म कर देने के बाद बिलावल भुट्टो तिलमिला गए थे। बिलावल ने कहा कि पांच अगस्त 2019 को भारत ने एकपक्षीय तरीके से एक फैसला लिया और कश्मीरियों पर अत्याचार का नया तरीका शुरू कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत, कश्मीर की स्थिति को बदलने की कोशिशों में लगा है। बिलावल ने कहा कि इतना सबकुछ होने के बाद भी अंतरराष्ट्रीय समुदाय चुपचाप कैसे बैठ सकता है। बिलावल ने कहा कि भारत आतंकवाद के आरोपों की आड़ में कश्मीर के मसले से किनारा नहीं कर सकता है।
भारत सरकार ने दिया था कड़ा जवाब
बिलावल भुट्टो ने अनुच्छेद 370 रद्द करने की मांग उठाई तो भारत की तरफ से भी कड़ा संदेश दिया गया था। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भुट्टो को फटकार लगाते हुए नींद से जागने की सलाह दे डाली थी। जयशंकर ने अंग्रेजी मुहावरे 'वेक अप एंड स्मेल द कॉफी' (नींद से जागो और कॉफी की खुशबू लो) का जिक्र करते हुए कहा कि ऑर्टिकल 370 अब इतिहास है। जो लोग इसकी बात कर रहे हैं, उन्हें नींद से जाग जाना चाहिए। साथ ही, जयशंकर ने कहा कि बिलावल भुट्टो को इस पर ज्यादा बल देना चाहिए कि वह जम्मू कश्मीर से अवैध कब्जे को कब खाली करेंगे।
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