पाकिस्तान में बलात्कार मामलों पर इमरान सरकार सख्त, अब रेपिस्टों को बनाया जाएगा खस्सी

पाकिस्तान में दुष्कर्म की घटनाएं आम हो गईं हैं। यहां एक दिन में कम से कम 11 लड़कियों का रेप होता है। अगर पिछले 6 वर्षों की बात करें तो 22 हजार से अधिक मामले थाने में दर्ज किए गए हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उसमें से केवल 77 को ही सजा मिल सकी है। जो कुल आंकड़े का महज 0.3 प्रतिशत है। बताते चलें कि ये आंकड़े पुलिस, कानून और न्याय आयोग, पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग, महिला फाउंडेशन और प्रांतीय कल्याण एजेंसियों से प्राप्त किए गए हैं। इसके अलावा ये बात भी सामने आई कि वास्तव में इस अपराध की संख्या 60 हजार से ज्यादा हो सकती है लेकिन अधिकतर मामले दबाव के चलते दर्ज ही नहीं किए जाते हैं। वहीं, ये बात भी सामने आई की दुष्कर्म के अधिकतर मामले बलूचिस्तान, पाक अधिकृत कश्मीर, सिंध और खैबर पख्तूनख्वा में दर्ज किए गए हैं। रेप की बढ़ती घटनाओं पर चुप्पी साधे बैठी इमरान सरकार ने अब एक सख्त कानून बनाया है।
नए दुष्कर्म रोधी अध्यादेश पर किए हस्ताक्षर
पाक में बढ़ रही बलात्कार की घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कानून को मंजूरी दे दी है। इस कानून के अंतर्गत दुष्कर्म के दोषियों को दवा देकर खस्सी (नपुंसक) भी बनाया जा सकता है। पाकिस्तान की कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद मंगलवार को राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने नए दुष्कर्म रोधी अध्यादेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। इस अध्यादेश में दुष्कर्म के मुकदमों की सुनवाई के लिए विशेष अदालतों का गठन करने का भी प्रावधान है।
चार महीने में पूरी होगी सुनवाई
पाकिस्तान के राष्ट्रपति कार्यालय ने एक बयान में कहा गया है कि इस कानून के बाद देश भर में विशेष अदालतों का गठन होगा और उसमें महिलाओं और बच्चों के खिलाफ दुष्कर्म के मामलों की त्वरित सुनवाई होगी। अदालतें चार महीने में सुनवाई पूरी कर लेगी। पहली बार या बार-बार दुष्कर्म का अपराध करने वालों का खस्सी (नपुंसक) किये जाने का प्रावधान किया गया है। हालांकि, इसके लिए दोषी की सहमति भी लेनी होगी।
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