Pakistan in Grey List: एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में बना रहेगा पाकिस्तान, तीन साल से कर रहा बाहर निकलने की कोशिश, पीएम इमरान खान की बढ़ी मुश्किलें

फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने की कोशिश में लगे पाकिस्तान को बड़ा झटका लगा है। आतंकी फंडिंग पर निगरानी रखने वाली संस्था एफएटीएफ ने पाकिस्तान को अभी ग्रे लिस्ट में ही रखने का निर्णय लिया है। पाकिस्तान से कहा गया है कि एफएटीएफ की 17 से 22 अक्टूबर के बीच होने वाली बैठक से पहले उन सभी बिंदुओं पर एक्शन ले, जो कि आतंकवाद को खत्म करने के लिए कहे गए हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान को आतंकवाद का पालन-पोषण करने और आतंकियों को संरक्षण देने समेत गंभीर आरोपों में जून 2008 में एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में डाला गया था। किसी देश के ग्रे लिस्ट में शामिल होने से उसे मिलने वाला विदेशी निवेश प्रभावित होता है।
आर्थिक संकट से जूझ रहा पाकिस्तान तीन साल से ग्रे लिस्ट से बाहर आने का प्रयास कर रहा है, लेकिन उन बिंदुओं पर काम नहीं कर रहा, जो कि एफएटीएफ ने सुझाए थे। यही कारण है कि हर बार उसका ग्रे लिस्ट से बाहर होने का ख्वाब टूट रहा है। अब एफएटीएफ ने दोबारा संकेत दे दिया है कि जब तक आतंकवाद के खिलाफ सभी बिंदुओं पर एक्शन नहीं लिया जाता, तब तक पाकिस्तान ग्रे लिस्ट में ही बना रहेगा।
बता दें कि एफएटीएफ ने हाल में पाकिस्तान को लेकर रिपोर्ट पेश की थी, जिसमें कहा गया था कि पाकिस्तान ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने के सभी मानदंडों पर खरा नहीं उतरा है। पाकिस्तान कुल 40 में से सात सिफारिशों का आंशिक रूप से पालन कर रहा है।
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