आर्थिक संकट के बीच श्रीलंकाई पीएम महिंदा राजपक्षे का इस्तीफा, प्रदर्शनकारियों का हल्लाबोल जारी

देश में सबसे खराब आर्थिक संकट के बीच प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे (Sri Lankan Prime Minister Mahinda Rajapaksa) ने लोगों के भारी विरोध प्रदर्शन को देखते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। वहीं दूसरी तरफ प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति से भी इस्तीफा देने की मांग कर रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के इस्तीफे की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों के साथ सरकारी समर्थकों की झड़प भी हुई। श्रीलंकाई पुलिस ने सोमवार को कोलंबो में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया। राष्ट्रपति और उनके छोटे भाई ने एक विशेष बैठक में देश में चल रहे राजनीतिक संकट के समाधान के रूप में सत्ता से हटने का अनुरोध करने के कुछ दिनों बाद ऐलान किया।
आर्थिक संकट से उबरने के लिए अंतरिम प्रशासन बनाने के लिए सरकार पर बढ़ते दबाव के बीच यह कदम उठाया। बिजली बंद होने और खाने, ईंधन और फार्मास्यूटिकल्स की भारी कमी के साथ श्रीलंका आजादी के बाद से सबसे खराब आर्थिक मंदी से गुजर रहा है। इस बीच सरकार का समर्थन करने वाले समूहों ने राष्ट्रपति कार्यालय के बाहर प्रदर्शनकारियों पर हमला किया। जिसमें कम से कम 23 लोग घायल हो गए। इसके बाद श्रीलंका की पुलिस ने एक्शन लेते हुए देशव्यापी कर्फ्यू लगा दिया।
जानकारी के लिए बता दें कि महिंदा राजपक्षे के प्रधानमंत्री के रूप में पद छोड़ने की पेशकश की खबरों के बाद राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के कार्यालय के बाहर हिंसक झड़प शुरू हो गई। बीती 9 अप्रैल से पूरे श्रीलंका में हजारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। क्योंकि सरकार के पास पैसा नहीं है। वहीं आवश्यक वस्तुओं के दाम आसमान छू रहे हैं। इस पूरे घटनाक्रम के बीच इस संकट के लिए परिवारवाद को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। इससे पहले कई बैठकों के दौर के बीच महिंदा राजपक्षे ने पद छोड़ने से इनकार कर दिया था।
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