India & Uzbekistan : प्रधानमंत्री मोदी ने उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति के साथ की वर्चुअल मीटिंग, इन अहम मुद्दों पर हुई चर्चा

India & Uzbekistan : प्रधानमंत्री मोदी ने उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति के साथ की वर्चुअल मीटिंग, इन अहम मुद्दों पर हुई चर्चा
X
प्रधानमंत्री ने कोविड-19 महामारी के इस समय में दोनों देशों द्वारा एक-दूसरे को किए गए भरपूर सहयोग पर संतोष जताया। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और उज्बेकिस्तान दो समृद्ध सभ्यताएं हैं और प्राचीन समय से ही निरंतर आपसी संपर्क में रहे हैं।

भारत और उज्बेकिस्तान के रिश्ते को आगे बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शावकत मिर्जियोयेव के साथ शुक्रवार को वर्चुअल बैठक की। कोरोना महामारी के बीच दोनों देशों के बीच ये पहली बैठक है। इस वर्चुअल बैठक में विभिन्न मुद्दों पर बात हुई। जिसमें कोरोना महामारी और आतंकवाद को खत्म करने के लिए दोनों देशों ने सहमति जताई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि भारत और उज्बेकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ता से एक साथ खड़े हैं और उग्रवाद, कट्टरवाद तथा अलगाववाद के बारे में दोनों देशों की चिंताएं भी एक जैसी हैं।

भारत-उज्बेकिस्तान आभासी शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शौकत मीरजियोयेव से चर्चा की शुरुआत करते हुए अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि उग्रवाद, कट्टरवाद तथा अलगाववाद के बारे में हमारी एक जैसी चिंताएं हैं। हम दोनों ही आतंकवाद के ख़िलाफ़ दृढ़ता से एक साथ खड़े हैं। क्षेत्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर भी हमारा एक जैसा नजरिया है। प्रधानमंत्री ने इसके साथ ही अफगानिस्तान में शांति की बहाली के लिए एक ऐसी प्रक्रिया की आवश्यकता जताई जो स्वयं अफगानिस्तान की अगुआई, स्वामित्व और नियंत्रण में हो। उन्होंने कहा पिछले दो दशकों की उपलब्धियों को सुरक्षित रखना भी आवश्यक है।

दोनों देशों के बीच आर्थिक साझेदारी भी हुई मजबूत

मोदी ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में दोनों देशों के बीच आर्थिक साझेदारी भी मजबूत हुई है और भारत, उज्बेकिस्तान के साथ विकास की भागीदारी को भी और घनिष्ट बनाना चाहता है। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता जताई कि भारतीय लाइन ऑफ क्रेडिट के अंतर्गत कई परियोजनाओं पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उज्बेकिस्तान की विकास प्राथमिकताओं के अनुसार हम भारत की विशेषज्ञता और अनुभव साझा करने के लिए तैयार हैं। अवसंरचना, सूचना और प्रौद्योगिकी, शिक्षा, स्वास्थ्य, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण जैसे क्षेत्रों में भारत में काफी काबिलियत है, जो उज्बेकिस्तान के काम आ सकती है।

इस काम से दोनों देशों के किसानों को मिलेगी मदद

भारत और उज्बेकिस्तान के बीच कृषि संबंधी संयुक्त कार्यकारी समूह की स्थापना को प्रधानमंत्री ने एक महत्वपूर्ण और सकारात्मक कदम बताया और कहा कि इससे दोनों देश अपने कृषि व्यापार बढ़ाने के अवसर खोज सकते हैं जिससे दोनों देशों के किसानों को मदद मिलेगी। मोदी ने कहा कि मीरजियोयेव के नेतृत्व में उज्बेकिस्तान में महत्वपूर्ण बदलाव आ रहे हैं और भारत भी सुधार के मार्ग पर अडिग हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि कोविड-19 के बाद की दुनिया में दोनों देशों के बीच सहयोग की संभावनाएं और बढ़ेंगी। उन्होंने दोनों देशों के बीच सुरक्षा साझेदारी को द्विपक्षीय संबंधों का एक मजबूत स्तम्भ बताया और पिछले वर्ष हुए सशस्त्र बलों के पहले संयुक्त सैन्य अभ्यास का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष और परमाणु ऊर्जा के क्षेत्रों में भी हमारे सयुंक्त प्रयास बढ़ रहे हैं।

Tags

Next Story