राजनाथ सिंह ने हांग हा शिपयार्ड में वियतनाम को 12 हाई-स्पीड गार्ड बोट सौंपीं, जानें इस अवसर पर क्या कुछ कहा

राजनाथ सिंह ने हांग हा शिपयार्ड में वियतनाम को 12 हाई-स्पीड गार्ड बोट सौंपीं, जानें इस अवसर पर क्या कुछ कहा
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रक्षा मंत्री ने अपने संबोधन में इस परियोजना को पीएम के द्वारा परिकल्पित 'मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड' का एक ज्वलंत उदाहरण बताया।

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज हाई फोंग में हांग हा शिपयार्ड की अपनी यात्रा के दौरान हाई-स्पीड 12 रक्षक नौकाएं वियतनाम को सौंपीं है। इन बोट्स का निर्माण वियतनाम को भारत सरकार की 10 करोड़ अमेरिकी डॉलर की लाइन ऑफ क्रेडिट के तहत किया गया है। शुरुआत की 5 बोट्स भारत में लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) शिपयार्ड में और 7 अन्य बोट्स हांग हा शिपयार्ड में बनाई गई। इस समारो में भारत, वियतनाम के वरिष्ठ सैन्य और असैन्य अधिकारी भी मौजूद थे।

रक्षा मंत्री ने अपने संबोधन में इस परियोजना को पीएम के द्वारा परिकल्पित 'मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड' का एक ज्वलंत उदाहरण बताया। रक्षामंत्री ने कहा, कोरोना वायरस की वजह से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद इस परियोजना का सफल समापन होना भारतीय रक्षा विनिर्माण क्षेत्र के साथ-साथ हांग हा शिपयार्ड की प्रतिबद्धता एवं पेशेवर उत्कृष्टता का प्रमाण है। राजनाथ सिंह ने भरोसा दिलाया कि यह परियोजना भविष्य में भारत और वियतनाम के बीच कई और सहकारी रक्षा परियोजनाओं के लिए अग्रदूत साबित होगी।

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वियतनाम को बढ़ते हुए सहयोग के माध्यम से भारत के रक्षा औद्योगिक परिवर्तन का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित किया है। राजनाथ सिंह ने जोर देकर कहा, भारतीय रक्षा उद्योग ने प्रधानमंत्री के 'आत्मनिर्भर भारत' दृष्टिकोण के तहत अपनी क्षमताओं में काफी बढ़ोतरी की है। मंत्री ने जोर देकर कहा कि इसका उद्देश्य भारत को एक रक्षा विनिर्माण केंद्र बनाने के लिए एक घरेलू रक्षा उद्योग का निर्माण करना है, जो न केवल हमारी जरूरतों को पूरा करता है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय आवश्यकताओं पर भी खरा उतरता है।

आपको बता दें कि केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह वियतनाम की तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर हैं। राजनाथ सिंह ने बीते बुधवार को हनोई में अपनी यात्रा के पहले दिन वियतनाम के रक्षा मंत्री जनरल फान वान गियांग के साथ द्विपक्षीय वार्ता की थी। दोनों रक्षा मंत्रियों द्वारा आपसी रक्षा सहयोग बढ़ाने के उद्देश्य से 2030 तक के लिए भारत और वियतनाम रक्षा सहयोग हेतु संयुक्‍त दृष्टिकोण पत्र पर हस्‍ताक्षर किये गए। दोनों देशों के बीच पारस्परिक रूप से लाभकारी लॉजिस्टिक सहयोग में प्रक्रियाओं को सरल बनाने के लिए भी एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। रक्षा मंत्री ने वियतनाम के राष्ट्रपति गुयेन जुआन फुक और प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चिन से भी मुलाकात की थी।

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