इंटरपोल ने भारत को फिर दिया झटका, खालिस्तान समर्थक पन्नू के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने से इनकार

खालिस्तानी अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू (Khalistani separatist Gurpatwant Singh Pannu) के खिलाफ केंद्र सरकार (Central Government) को झटका लगा है। इंटरपोल ने कनाडा स्थित सिख फॉर जस्टिस के संस्थापक और खालिस्तान के समर्थक के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने से इनकार कर दिया। भारत ने यह अपील दूसरी बार की थी। एसएफजे का स्वयंभू सरगना गुरपतवंत सिंह विदेश में बैठकर पंजाब और हरियाणा में गड़बड़ी पैदा करने की साजिश रचता रहा है।
पटियाला में खालिस्तान विरोधी मार्च पर खालिस्तान समर्थकों द्वारा हिंसक झड़पों और हमलों के केंद्र में पन्नू भी है। 1 जुलाई 2020 को, भारत सरकार (Central Government) ने संशोधित यूएपीए अधिनियम (UAPA Act) के तहत पन्नू को आतंकवादी घोषित किया है। ऑनलाइन मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार भारतीय अधिकारी पन्नू के खिलाफ पुख्ता जानकारी नहीं दे सके। जिसके बाद इंटरपोल ने दोबारा रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने से इनकार कर दिया।
सूत्रों ने यह भी कहा कि इंटरपोल ने यह भी संकेत दिया कि यूएपीए अधिनियम का दुरुपयोग करने के लिए बनाया गया है। इसके तहत भारत से रेड कॉर्नर मांगा गया। इंटरपोल ने कहा कि कानून का इस्तेमाल आलोचकों, अल्पसंख्यक समूहों और अधिकार कार्यकर्ताओं को निशाना बनाने के लिए किया जा रहा है। हालांकि, सूत्रों ने कहा कि इंटरपोल ने स्वीकार किया कि पन्नू एक हाई-प्रोफाइल सिख अलगाववादी है और एसएफजे एक ऐसा समूह है जो एक स्वतंत्र खालिस्तान की मांग करता है।
उन्होंने कहा कि पन्नू की गतिविधियों का एक स्पष्ट राजनीतिक आयाम है, जो इंटरपोल के संविधान के अनुसार रेड कॉर्नर नोटिस का विषय नहीं हो सकता। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पन्नू ने भारत के अनुरोध का जवाब दिया था, जिसके बाद उन्होंने भारतीय अधिकारियों से जानकारी मिलने के बाद अगस्त में अपना फैसला सुनाया था।
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