रूस यूक्रेन युद्ध: 6 साल का मासूम बोला- मां मैं मरना नहीं चाहता, रूसी सैनिकों ने दाग दीं 7 गोलियां- कहानी पढ़कर निकल आएंगे आंसू

रूस और यूक्रेन (Russia And Ukraine) के बीच जारी जंग को चार हफ्तों से अधिक का समय हो गया है। रूसी सैनिक (Russian troops) यूक्रेन पर कहर बनकर टूट रहे हैं। इसी बीच यूक्रेन से ऐसी खबर सामने आई है जिसे सुनकर हर किसी का दिल पसीज जाएगा। मीडिया रिपोर्ट अनुसार, रूस के सैनिकों ने यूक्रेन (Ukraine) की राजधानी कीव (Kyiv) में एक 6 साल के मासूम बच्चे को सात गोलियां मार कर उसकी हत्या कर दी।
बताया जा रहा है कि जब रूस ने यूक्रेन पर हमला किया था तब 6 साल के मासूम ने कहा था कि 'मां, मैं मरने के लिए बहुत छोटा हूं'। मैं मरना नहीं चाहता। अब वही बच्चा मां की गोद में मृत पड़ा था। उस मां की हालत के बारे में केवल अंदाजा ही लगाया जा सकता है, जिसका मासूम बेटा मरने से ठीक पहले कहता है कि 'मैं मरना नहीं चाहता'। वहीं अगले कुछ पलों में ही वह लाश में तब्दील हो जाता है।
मां मैं अभी मरना नहीं चाहता हूं मैं बहुत छोटा हूं
ये दर्दनाक कहानी कीव में रहने वाली एना और उसके बेटे की है। बताया जाता है कि रूसी हमले के बाद एना ने अपनी 13 वर्षीय बेटी अलीना और छह वर्षीय बेटे मैक्सिम के साथ शहर छोड़ने का निर्णय लिया। अलीना और मैक्सिम बहुत ज्यादा भयभीत थे। जब वह घर को छोड़ने की तैयारी कर रहे थे तब मैक्सिम ने अपनी मां एना से कहा था कि उसे बहुत डर लग रहा है। मां मैं अभी मरना नहीं चाहता हूं मैं बहुत छोटा हूं। बेटे के बात सुनकर मां एना का कलेजा भर आया। मां ने बेटे से कहा कि तुझे कुछ नहीं होने दूंगा, तुझे कुछ नहीं होगा। मगर फायरिंग और बमबारी की वजह से मेरा बेटा और बेटी बहुत डरे हुए थे। हमने यूक्रेन के पश्चिम में रेवने में अपने रिश्तेदारों के यहां कार से जा रहे थे। सभी बच्चे कार की पीछली सीट पर बैठे थे और 6 साल का मासूम मैक्सिम मेरी गोद में बैठा था।
घटनास्थल पर मौजूद किसी भी शख्स ने एम्बुलेंस को फोन तक नहीं किया
हमने दो यूक्रेनियन मिलिट्री चेकपोस्ट तो क्रॉस कर लिए थे। दूसरे चेकपोस्ट से जैसे ही हमारी कार आगे बढ़ी तो फायरिंग शुरू हो गए। मेरा कजिन एलेक्जेंडर कार ड्राइव कर रहा था। गोलीबारी में उसकी मौत हो गई और पत्नी नताल्या को कम से कम दस गोली लगी थीं। एना ने बताया के मेरी बेटी अलीना के सीधे हाथ और उल्टे पैर के घुटने में गोली लगी। वहीं जब मैंने मैक्सिम को कार से निकाला वो मर चुका था। उसके सात गोलियां लगी थीं और मैं ये सब देखकर वहीं बेहोश हो गई। घटनास्थल पर मौजूद किसी भी शख्स ने एम्बुलेंस को फोन तक नहीं किया।
मैंने अपने बेटे मैक्सिम को अंतिम बार मुर्दाघर में देखा
मैंने अपने बेटे मैक्सिम को अंतिम बार मुर्दाघर में देखा। क्योंकि मुझे उसकी पहचान के लिए मुर्दाघर बुलाया गया था। मुझे ऑपरेशन के लिए लीव के अस्पताल में हस्तांतरित कर दिया गया। जिस समय मैक्सिम को दफनाया गया था तब मेरा ईलाज चल रहा था। मेरे पहले पति ने उसे दफनाया था। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 31 वर्षीय एना को पहली शादी से बेटी है जबकि एना ने दूसरे रिलेशनशिप से बेटे मैक्सिम को जन्म दिया। एना ने बतया कि मैक्सिम भले ही छह वर्ष का था लेकिन पर बहुत समझदार था। उसका व्यवहार भी बहुत अच्छा था। मैक्सिम ज्यादातर मेरी मदद करने का प्रयास करता था। मैक्सिम पहली ही कक्षा में था, वह बर्तन भी धोता था और रूम की साफ सफाई भी करता था। मैक्सिम को बचाना मेरी जिम्मेदारी थी, लेकिन मैं उसे बचना नहीं सकी। अब मेरे पास जिंदगी जीने का कुछ नहीं बचा है।
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