मास्को में रूसी विदेश मंत्री से मिले जयशंकर, यूक्रेन जंग पर कही ये बड़ी बात

मास्को में रूसी विदेश मंत्री से मिले जयशंकर, यूक्रेन जंग पर कही ये बड़ी बात
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भारत के विदेशी मंत्री एस जयशंकर ने रूस दौरे के पहले दिन अपने समकक्ष सर्गेई लावरोव के साथ मुलाकात की। दोनों ने भारत और रूस के आपसी संबंधों के साथ-साथ यूक्रेन संघर्ष और अन्य कई मुद्दों पर चर्चा की है।

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) आज से दो दिवसीय रूस (Russia) के दौर पर हैं। यहां पहुंचकर उन्होंने रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव (Russian Foreign Minister Sergei Lavro) से मुलाकात की। रूस की राजधानी मास्को में हुई मुलाकात के दौरान दोनों देशों के आपसी हितों के द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई। साथ ही, यूक्रेन युद्ध को लेकर भी चर्चा की गई।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, 'इस साल की यह हमारी 5वीं मुलाकात है। यह लंबी अवधि की साझेदारी और हम एक-दूसरे को जो महत्व देते हैं, वह कई मायनों में खास है। इसी वार्तालाप को आगे बढ़ाने के लिए आज मॉस्को आकर मुझे खुशी हुई है।' उन्होंने आगे कहा कि दोनों ही देशों के सरकारों के बीच विभिन्न स्तरों पर निरंतर और मजबूत संपर्क रहे हैं। सितंबर के महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच मुलाकात हुई और रक्षामंत्रियों ने भी बातचीत की। आगे कहा कि जहां तक द्विपक्षीय संबंधों की बात है तो हमारा उद्देश्य एक समकालीन, संतुलित, परस्पर लाभकारी और दीर्घकालिक साझेदारी का निर्माण करना है।

अफगानिस्तान के मुद्दों पर हुई बात

एस जयशंकर ने आगे कहा, 'हमने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लक्ष्यों की सर्वोत्तम सेवा के बारे में बात की। अफगानिस्तान के अनेक क्षेत्रीय मुद्दों पर भी चर्चा हुई। हमने चर्चा की कि अफगानिस्तान के लोगों के लिए अपना समर्थन कैसे जारी रखें।' उन्होंने कहा कि रूस के साथ हमारे महत्वपूर्ण और समय-परीक्षणित संबंध हैं। हम इस संबंध का विस्तार करने और इसे और अधिक टिकाऊ बनाने के तरीके खोजने की कोशिश कर रहे हैं। हमने उन क्षेत्रों पर चर्चा की, जहां दोनों देशों के बीच स्वाभाविक हित हैं।

यूक्रेन जंग पर कही यह बात

लंबे समय से चल रहे युक्रेन-रूस संघर्ष के बारे में जयशंकर प्रसाद ने कहा कि हम अब यूक्रेन संघर्ष के परिणाम देख रहे हैं। आतंकवाद और जलवायु परिवर्तन के भी सालभर चलने वाले मुद्दे हैं, दोनों का प्रगति और समृद्धि पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। समग्र वैश्विक स्थिति के साथ-साथ हमारी वार्ता क्षेत्रीय मुद्दों को भी संबोधित करने का काम करेगी।

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