Russia Victory Day Parade: यूक्रेन से जंग के बीच रूस की विजय दिवस परेड क्यों है चर्चा में, जानें इसके इतिहास से जुड़ी मुख्य बातें

Russia Victory Day Parade: रूस और यूक्रेन (Russia Ukraine) के बीच युद्ध (War) को दो महीने से ज्यादा का वक्त हो चुका है और इसी बीच रूस अपना विक्ट्री डे परेड (Victory Day Parade) का जश्न मना रहा है। भारत समेत पूरी दुनिया की निगाहें रूस की जीत के जश्न पर हैं। जैसे भारत गणतंत्र दिवस के मौके पर अपनी शक्ति का प्रदर्शन राजपथ पर करता है वैसे ही विक्ट्री डे परेड के जरिए रूस अपने हथियारों का प्रदर्शन कर रहा है।
रिहर्सल में किया खतरनाक हथियारों का प्रदर्शन
रूसी सेना 9 मई को मोरीपोल में विजय दिवस मनाया जा रहा है। इस जश्न से पहले जब रूसी सेना ने रिहर्सल की तो अपने प्रदर्शन के दौरान खतरनाक हथियारों को दिखाया था। रूस की मॉन्स्टर मिसाइलें और डूम्स डे प्लेन को भी रिहर्सल में दिखाया गया। पुतिन ने कहा कि रूसी सेना यूक्रेन में अपनी मातृभूमि की रक्षा कर रही है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन में रूस पूरी तरह से अस्वीकार्य खतरे का सामना कर रहा है। पश्चिमी देशों के हथियारों के दम पर यूक्रेन की सेना रूस से अभी भी लड़ रही है।
पुतिन कर सकते हैं बड़ा ऐलान
रूस की विक्ट्री डे परेड के दौरान सुखोई-25 लड़ाकू विमान अपना प्रदर्शन दिखाएगा। इतना ही नहीं सभी विमान 180 से 550 मीटर की ऊंचाई पर ही उड़ान भरेंगे। परेड में घातक रूसी टैंकों की टुकड़ी भी दिखाई देगी। रूस में विजय दिवस पर सबसे बड़ा उत्सव मास्को में होगा। सूत्रों के मुताबिक, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन में युद्ध को लेकर बड़ा ऐलान कर सकते हैं।
रूस विक्ट्री डे परेड के इतिहास से जुड़ी मुख्य बातें
जानकारी के लिए बता दें कि विजय दिवस रूस के लिए एक बड़ा उत्सव है। जो द्वितीय विश्व युद्ध में सोवियत सेना ने 9 मई को नाजी जर्मनी पर जीत दर्ज की थी। दूसरा विश्व यु्द्ध तब तक खत्म नहीं हुआ था। नाजी जर्मनी की हार पर कई देश 7 मई को इस जश्न दिवस या यूरोप दिवस पर विजय दिवस के रूप में मनाते हैं। फ्रांस में नाजियों ने आत्मसमर्पण किया था। जबकि सोवियत नेता स्टालिन ने 9 मई को चुना, जब बर्लिन सोवियत सेनाओं के कब्जे में आ चुका था।
इस विक्ट्री डे पर रूस की राजधानी में एक स्पेशल परेड होती है। जैसे भारत में गणतंत्र दिवस की परेड होती है। इस मौके पर राष्ट्रपति समेत कई बड़ी हस्तियां भी परेड में शामिल होती हैं। इस खास मौके पर द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अपना जान गवांने वालों के परिवार उन्हें याद करते हैं। इस दिन रूस में सरकारी छुट्टी होती है।
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