Russia and Ukraine War: 8 नवंबर को रूस की यात्रा पर जाएंगे एस जयशंकर, विदेश मंत्री लावरोव से करेंगे मुलाकात

रूस और यूक्रेन (Russia and Ukraine) के बीच चल रहे युद्ध को लगभग आठ महीने तक का समय बीत चुका है, लेकिन हैं कि युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (External Affairs Minister S Jaishankar) अपनी रूस यात्रा के रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव के साथ बातचीत करेंगे। रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़खारोवा ने यह जानकारी दी।
विदेश मंत्री एस जयशंकर 8 नवंबर को मॉस्को में लावरोव के साथ बातचीत करेंगे, जहां वे द्विपक्षीय संबंधों की वर्तमान स्थिति और अंतरराष्ट्रीय एजेंडे पर चर्चा करेंगे। जयशंकर (S Jaishankar) की मास्को यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब रूस और यूक्रेन के बीच हाल के दिनों में युद्ध और तेज हो गया है। और कीव में भारतीय दूतावास ने एक ताजा एडवाइजरी जारी कर सभी भारतीय नागरिकों को यूक्रेन युद्ध में बढ़ती शत्रुता को देखते हुए तुरंत देश छोड़ने के लिए कहा है। जयशंकर की प्रस्तावित यात्रा पर विदेश मंत्रालय की ओर से कोई बयान नहीं आया है। समझा जा रहा है कि ऊर्जा और खाद्य सुरक्षा के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा हो सकती है।
भारत (India) ने पश्चिमी देशों के असंतोष के बावजूद पिछले कुछ महीनों में रूस से रियायती कीमतों पर कच्चे तेल के आयात में वृद्धि की है। फरवरी में यूक्रेन पर रूस के हमले की शुरुआत के बाद से जयशंकर और लावरोव चार बार मिल चुके हैं। रूसी विदेश मंत्री (Russian Foreign Minister) ने अप्रैल में भारत का दौरा किया था, जिस दौरान उन्होंने जयशंकर के साथ विस्तृत बातचीत के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) से मुलाकात की थी।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पिछले साल दिसंबर में भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए भारत आए थे। दोनों देशों के बीच एक प्रणाली है जिसके तहत भारत के प्रधानमंत्री और रूस के राष्ट्रपति संबंधों के संपूर्ण आयाम की समीक्षा के लिए सालाना शिखर बैठक करते हैं। इस साल के सम्मेलन में मोदी के रूस दौरे की बारी है। फरवरी में यूक्रेन संघर्ष शुरू होने के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने कई बार रूसी राष्ट्रपति पुतिन और यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की (Ukrainian President Volodymyr Zelensky) से बात की है।
मोदी ने 4 अक्टूबर को जेलेंस्की से फोन पर बातचीत में कहा था कि कोई सैन्य समाधान नहीं हो सकता है और भारत किसी भी शांति प्रयास में योगदान देने के लिए तैयार है। मोदी ने 16 सितंबर को उज्बेकिस्तान के समरकंद में पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठक में कहा था कि ''आज का युग युद्ध का नहीं है।' इस संकट का समाधान बातचीत और कूटनीति से होना चाहिए। लगभग दो सप्ताह पहले क्रीमिया में एक बड़े विस्फोट के जवाब में रूस द्वारा कई यूक्रेनी शहरों को निशाना बनाकर मिसाइल हमले शुरू करने के बाद दोनों के बीच संघर्ष बढ़ गया है। रूस ने विस्फोट के लिए यूक्रेन को जिम्मेदार ठहराया।
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