Sri Lanka Crisis: देश छोड़ने के बाद क्या बोले गोटाबाया राजपक्षे, महंगाई ने निकाला जनता का दम

श्रीलंका (Sri Lanka) में भारी आर्थिक संकट (Economic Crisis) के बीच एक बार फिर पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे (Former President Gotabaya Rajapaksa) ने अपने बचाव करते हुए विदेशी जमीन से अपनी मातृभूमि की सेवा करने का वचन लिया है। गोटाबाया राजपक्षे ने विदेश जाने के बाद अपना बचाव करते हुए कहा कि मैं मातृभूमि की सेवा लगातार करता रहूंगा।
सिंगापुर से गोटाबाया राजपक्षे ने कहा कि मैंने अपनी क्षमता के अनुसार मातृभूमि की सेवा की है और आगे भी करता रहूंगा। राजपक्षे ने आगे कहा कि उन्होंने आर्थिक संकट के दौरान सर्वदलीय सरकार गठन की सराहाना की।
श्रीलंका इन दिनों ऐतिहासिक संकट से गुजर रहा है। इसके लिए देश की गलत आर्थिक नीतियां और कमजोर नेतृत्व जिम्मेदार है। यहां महंगाई ने चरम सीमा को पार कर दिया है। लोग गेहूं की बदौलत जी रहे हैं। देश को चलाने के लिए अन्य देसों की तरफ देखना पड़ रहा है। इस विवाद की वजह से पूर्व श्रीलंकाई राजष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने कोरोना और लॉकडाउन को देश की खराब स्थिति के लिए जिम्मेदार बताया। जब वह सिंगापुर के लिए भागे गए।
गोटाबाया राजपक्षे अपने इस्तीफे में अपना बचाव करते नजर आए। उऩ्होंने कहा कि मैं अपनी क्षमता के मुताबिक मातृभूमि की सेवा की और आगे भी भविष्य में करता रहूंगा। इस बिगड़ती अर्थव्यवस्था के दौरान सर्वदलीय सरकार गठन की कोशिश को अच्छी पहल बताया। उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रपति बनने के 3 महीने के अंदर ही पूरी दुनिया में कोरोना महामारी फैल गई। इस दौरान भी 2020 और 2021 में मैं देश में लॉकडाउन का आदेश दिया और इस वक्त भी देश की अर्थव्यवस्था चरमर रही थी। आधिकारिक तौर पर गोटाबाया के इस्तीफा देने के बाद रानिल विक्रमसिंघे को देश का कार्यवाहक राष्ट्रपति बनाया गया है।
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